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    रोशनी का पर्व दीपावली शनिवार को, जगमगाने लगे घर

  • November 13, 2020

    छतरपुर। रोशनी के पर्व दीवाली को शनिवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। लोगों ने त्यौहार मनाने के लिए घरों को साफ-सुथरा कर आधुनिक रोशनी से जगमगाया है। वहीं दीपकों से घरों को रोशन करने के भी इंतजाम किए हैं। हिन्दुओं के पर्वों में से सबसे प्रमुख पर्व दीवाली को मनाने के लिए विशेष उत्साह देखा जाता है। भगवान श्रीराम के वनगमन के बाद वापस अयोध्या आने पर इस पर्व की शुरूआत हुई थी तबसे यह परंपरा चली आ रही है। श्रद्धा भाव के साथ पूजा अर्चना करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और वे लोगों की दरिद्रता दूर करती हैं।
    नारदीय ज्योतिष परामर्श केन्द्र के संचालक आचार्य उमेशचन्द्र द्विवेदी वैदिक ने हिस को बताया कि दीपावली को भगवान गणेश, महालक्ष्मी और कुबेर की पूजा का विशेष महत्व होता है, लेकिन उसके साथ ही भैरव, कुलदेवता, यम तथा चित्रगुप्त की पूजा का भी महत्व है।
    शनिवार को दीपावली पर शुभ मुहूर्त
    शनिवार को दीपावली के अवसर पर दोपहर 12.37 बजे से स्थिर लग्र कुंभ लग्र में प्रथम मुहूर्त है और यह 2.09 बजे दोपहर तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त वृष लग्र में शाम 5.16 बजे से 7.13 बजे तक रहेगा। यह सर्वोत्तम मुहूर्त बताया गया है। तंत्र साधना के लिए महानिशा में सिंह स्थिर लग्र में 11.44 बजे से रात 1.48 बजे तक तीसरा मुहूर्त है। दीवाली को गोपाल शहस्त्रनाम जप का भी विशेष महत्व बताया गया है।
    ऐसे करें महालक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा
    लक्ष्मी हासिल करना सबका उद्देश्य रहता है इसलिए अमीर हो या गरीब दीपावली सबको पूजा के लिए प्रेरित करती है। कुलदेवता की पूजा के लिए लौंग, बताशा, सुपारी पान में रखकर पूजा करें। वहीं चित्रगुप्त की पूजा में पंचामृत रखें। अदालती कार्यों में न्याय दिलाने के लिए यम की पूजा का महत्व है। महालक्ष्मी, गणेश और भगवान कुबेर की पूजा के लिए धन की पोटली, कमलगटा, हल्दी की गांठ, पीली सरसों, धनिया, दालचीनी पूजन सामग्री के रूप में रखें। इसके अलावा चावल, अक्षत, रौली, सिंदूर, धान का लावा भी पूजन सामग्री में रखा जाना शुभ माना जाता है। भैरव को दही व खाड़ का भोग लगाना चाहिए। दीवाली से भाई दूज तक देवताओं का तर्पण, ऋषियों का तर्पण, मनुष्यों का तर्पण, पितरों का तर्पण और यम का तर्पण किया जाना चाहिए।

    चीनी सामान की बिक्री में आई काफी कमी
    देश के साथ दुश्मनी का भाव रखने और दुश्मनों को उकसाने वाले चीन के उत्पादों को खरीदने में लोग परहेज करने लगे हैं। दीपावली में इसका असर भी देखने को मिला है। जहां बड़ी संख्या में चीनी बल्व और रोशनी की सामग्री लोग खरीदते थे वहां इस दीवाली इस खरीददारी में काफी कमी आयी है। लोगों का कहना है कि जो हमारे देश के साथ छल करता है हम उसके उत्पादों को कतई नहीं खरीद सकते। आने वाले समय में और प्रभाव देखने को मिलेगा।
    शनि अमावस्या और दीवाली का बना दुर्लभ संयोग, शनिधाम में होगी विशेष पूजा
    कई वर्षों के बाद दीवाली शनिवार को आयी है। शनि अमावस्या और दीवाली का दुर्लभ संयोग बना है। शनि का स्वयं की राशि मकर में होना लोगों के लिए मंगलकारी होगा। बताया जाता है कि दीपावली के दिन तीन बड़े ग्रहों का दुर्लभ संयोग कई सदियों बाद बन रहा है। शनिवार को दीपावली होने पर शनिधाम मऊसहानियां में शनि अमावस्या का पर्व मनाया जायेगा। कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन का पालन करते हुये समिति द्वारा श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वह भगवान शनि के दर्शन करने के दौरान मास्क लगाकर आये सोशल डिस्टेंस का पालन करे। प्रसाद स्वयं चढ़ाये इसके अलावा शनि अमावस्या को भगवान शनि का यज्ञ, भंडारा, महाआरती नहीं होगी, हालांकि शनि अमावस्या के दिन इसबार दीपावली की धूम भी रहेगी। (हि.स.)

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