– दिवाली की बिक्री पर चीनी सामान का नामोनिशान नहीं, बाजारों में ग्राहकों की खरीददारी चालू
नई दिल्ली। देश के कारोबारियों के शीर्ष संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस वर्ष दिवाली के अवसर पर एक तीर से कई शिकार वाली कहावत को चरितार्थ किया है। कैट ने भारत की विश्व प्रसिद्ध जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एक ओर चीनी सामानों का बहिष्कार करके भारतीय सामान का ही उपयोग करने का आह्वान किया है। वहीं, दूसरी ओर बड़ी ई-कामर्स कंपनियों के अनैतिक ऑनलाइन व्यापार को चुनौती दी है। कारोबारी संगठन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘लोकल पर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को सफल बनाने का एक नायाब तरीका अपनाया है, इसके लिए व्हाट्सअप को अपना हथियार बनाया है। दिवाली पर व्यापारी अपनी दुकानों पर सामान बेचने के साथ ही व्हाट्सअप, फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए भी भारतीय सामानों को बेच रहे हैं।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कैट का अपना ई-कॉमर्स पोर्टल ‘भारत ई मार्केट’ दिसम्बर में लॉन्च होगा लेकिन दिवाली के अवसर पर होने वाले बिक्री को ध्यान में रखते हुए कैट ने अगस्त महीने में देशभर में फैले कारोबारी संगठनों के जरिए व्यापारियों को व्हाट्सअप पर अपने सामान का पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन बना अपने नियमित ग्राहकों, मिलने-जुलने वाले लोगों, रिहायशी सोसायटियों और रिहायशी कॉलोनियों में रहने वालों को भेजकर उनसे व्हाट्सअप एवं अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर लेने एवं अपनी दुकानों के कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों के घर तक सुरक्षित डिलिवरी कराने का सुझाव दिया था, जिसे देशभर में व्यापारियों ने स्वीकार किया। अब सोशल मीडिया के जरिए एक बड़ा व्यापार न केवल कारोबारी कर रहे, बल्कि महिला उद्यमी, ग्रहणियां, पढ़े-लिखे युवक-युवतियों तथा अन्य लोग भी बेहद उत्साह से कर रहे हैं, जिसमें लागत लगभग न के बराबर और फायदे भरपूर हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि इस योजना के तहत देश के विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों, कारीगरों, हस्तकला कारीगरों आदि को जोड़ा गया है, जिनके साथ मिलकर व्यापारी संगठन कैट के बैनर तले स्व-रोजगार के बड़े अवसर भी मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अकेले दिल्ली एनसीआर में लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग तथा देश भर में करीब 10 लाख से ज्यादा लोग व्हाट्सअप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए व्यापार कर रहे हैं। खंडेलवाल ने बताया कि शिपराकेट द्वारा एक सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच देशभर के विभिन्न राज्यों में 40,816 व्यापारियों के बीच कराए गए एक सर्वे की एक रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक की गई है। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के जरिए एक नया बाजार तेजी के साथ विकसित हो रहा है।
सर्वे के मुताबिक नए विक्रेताओं में करीब 17.96 फीसदी कारोबारी व्यापार के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि पहले से अपना व्यापार करने वाले कारोबारियों में 35.19 फीसदी व्यापारी ऑनलाइन वेबसाइट का उपयोग कर रहे हैं। दूसरी ओर नए कारोबारियों में 12.04 फीसदी व्यापारी ऑफलाइन बाजार के जरिए व्यापार कर रहे हैं। दिवाली के इस त्योहारी माहौल में व्यक्तिगत रखरखाव (18.45 फीसदी), खाने एवं ग्रोसरी की वस्तुएं (16.51फीसदी), वस्त्र (15.09 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक्स (11.37 फीसदी), स्वास्थ्य (7.60 फीसदी), घरेलु वस्तुएं और साफ सफाई की वस्तुएं (4.59 फीसदी) तथा ज्वेलरी का (3.83 फीसदी) है। इससे ये साफ जाहिर होता है कि धीरे-धीरे सोशल मीडिया के जरिए छोटे व्यापारी अपने व्यापार का दायरा बढ़ा रहे हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है क्योंकि इन सब के जरिए ही भारतीय सामान बेचा जा रहा है।
खंडेलवाल ने कहा कि पिछले तीन दिनों से देशभर के बाजारों में दिवाली के मौके पर ग्राहकों ने खरीददारी शुरू कर दी है लेकिन खास बात ये है की चीनी वस्तुएं जो हर साल दिवाली पर बड़ा व्यापार करती थी। इस बार चीनी सामान का पूर्ण बहिष्कार व्यापारियों एवं ग्राहकों द्वारा किया जा रहा है। भारत में बने सामान की मांग अधिक है। उन्होंने कहा कि इस बहिष्कार से चीन को करीब 40 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान होना तय है। खंडेलवाल ने कहा कि कारोबारी संगठन कैट ने सभी मोर्चों पर एक साथ लड़ने के लिए व्यापारियों का आह्वान किया है, जो दिवाली से बेहतर कोई और मौका हो नहीं सकता था। इस मौके को भुनाने में कैट ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है। (एजेंसी, हि.स.)
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