पटना। बिहार में एनडीए की ओर से अब सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गुरुवार को हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की। बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि वो अब मंत्री नहीं बनना चाहते हैं।
जीतन राम मांझी बोले कि हम मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं, ऐसे में किसी मंत्रालय में नहीं जाऊंगा। कई पूर्व सीएम ऐसा कर चुके हैं, लेकिन हम नहीं करना चाहेंगे। जीतन राम मांझी ने कहा कि हम कोई मांग नहीं कर रहे हैं, चुनाव से पहले भी बिना किसी शर्त के हम एनडीए में शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि जीतन राम मांझी 2014 से 2015 तक बिहार के सीएम रह चुके हैं, तब नीतीश ने पद से इस्तीफा देकर मांझी को ही सत्ता सौंपी थी। जीतन राम मांझी की पार्टी को चार सीटें मिली हैं, ऐसे में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर भरोसा है हम उनके लिए ही एनडीए में आए थे। जीतन राम मांझी ने कहा कि हमें राजद की ओर से किसी तरह का ऑफर नहीं आया है और ऐसा ऑफर का कोई फायदा नहीं है, हम एनडीए के साथ ही रहेंगे।
गौरतलब है कि बिहार में इस बार एनडीए में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है और उसके बाद जदयू नंबर दो की पार्टी बनी है। हम पार्टी ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा है और चार सीटें हासिल की है। इसके अलावा VIP को भी चार सीटें मिली हैं। ऐसे में बहुमत के आंकड़े को देखते हुए एनडीए को दोनों ही दलों की जरूरत है।
राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, नीतीश कुमार दिवाली के बाद शपथ ले सकते हैं। सूत्रों की मानें तो 16 नवंबर को नीतीश सातवीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे। अभी एनडीए में मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर मंथन होना बाकी है।
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