पटना। बिहार चुनाव के फाइनल नतीजे सामने आने के साथ ही नई सरकार के गठन की तैयारी शुरू हो गई। नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। माना जा रहा कि दिवाली के बाद वो नए सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे। इस बार के चुनाव नतीजों को देखें तो बिहार में करीब दो तिहाई नवनिर्वाचित विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 81 फीसदी विधायक करोड़पति हैं। ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव में जीत दर्ज करने वाले 241 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया। इनमें पता चलता है कि 163 यानी 68 फीसदी प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है।
एडीआर की रिपोर्ट में 123 यानी करीब 51 फीसदी विधायकों ने बताया है कि उनके खिलाफ कत्ल, हत्या की कोशिश, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध समेत संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीते 243 विधायकों में से 142 यानी 58 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। रिपोर्ट के मुताबिक, नवनिर्वाचित नौ विधायकों ने घोषित किया है कि उनके विरुद्ध हत्या (भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत) का मामला दर्ज है। 31 नए विधायकों ने बताया है कि उनके खिलाफ हत्या की कोशिश (भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत) का मुकदमा दर्ज है। आठ नवनिर्वाचित विधायकों ने अपने खिलाफ महिलाओं के विरुद्ध अपराध से संबंधित मामले दर्ज होने की जानकारी अपने चुनावी हलफनामे में की है।
आरजेडी के 74 में से 54 विधायकों पर आपराधिक मामले: ADR
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरजेडी के 74 में से 54 (73 फीसदी) विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। बीजेपी के 73 में से 47 (64 फीसदी) विधायकों ने आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इसके अलावा, जेडीयू के 43 में से 20 (47 फीसदी), कांग्रेस के 19 में से 16 (84 फीसदी), सीपीआई-एमएल के 12 में से 10 (83 फीसदी) और एआईएमआईएम के सभी पांचों (100 फीसदी) विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की घोषणा की है।
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