वाशिंगटन । अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति (US elected president) जो बाइडन ( Joe Biden) ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप का हार स्वीकार नहीं करना शर्मिंदगी भरा है और यह राष्ट्रपति की विरासत को नुकसान पहुंचाएगा। बाइडन (Joe Biden) ने चुनौती देते हुए कहा कि सत्ता हस्तांतरण को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है और उन्होंने विश्व नेताओं से बात करना शुरू कर दिया है।
बता दें कि ट्रंप कैंपेन ने कांटे के मुकाबले वाले प्रांत में नतीजों को चुनौती देने के लिए कई मुकदमे दायर किए हैं। डेलावेयर में बाइडन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह शर्मिंदगी भरा है। यह राष्ट्रपति की विरासत को नुकसान पहुंचाएगा। हालांकि 20 जनवरी (शपथ ग्रहण समारोह का दिन) तक सारी चीजें ठीक हो जाएंगी। सबसे बड़ी उम्मीद यह है कि अमेरिकी लोग समझते हैं कि परिवर्तन हो चुका है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘वह ट्रंप को वोट देने वाले लोगों के नुकसान की भावना को समझते हैं, क्योंकि उनमें से अधिकांश देश को एकजुट करना चाहते थे।’ बाइडन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वे समझते हैं कि हमें साथ आना होगा। मुझे लगता है कि वे एकजुट होने के लिए तैयार हैं और मेरा मानना है कि हम इस देश को इस कड़वी राजनीति से बाहर निकाल सकते हैं जिसे हमने पिछले चार पांच सालों में देखा है।’
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद ट्रंप प्रशासन ने संघीय ऊर्जा नियामक के प्रमुख भारतवंशी नील चटर्जी (Neil Chatterjee) को हटा दिया। चटर्जी का कहना है कि स्वच्छ ऊर्जा का समर्थन के लिए उन्हें पदावनत किया गया है। संघीय ऊर्जा नियामक आयोग (FERC) ने पांच नवंबर को घोषणा की कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एजेंसी के चेयरमैन चटर्जी की जगह जेम्स डनली को नियुक्त किया है। डनली ने मार्च में आयोग का आयुक्त बनने के बाद हाल ही में एफईआरसी के स्वच्छ ऊर्जा के समर्थन वाले आदेश का विरोध किया था।
वहीं, तीन नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए हुए मतदान के बाद राजनीतिक नियुक्ति वाले पद से हटाए जाने वाले चटर्जी एक उच्च रैंक वाले अधिकारी हैं। ट्रंप ने सोमवार को रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को भी हटा दिया। एफईआरसी बिजली बाजार पर नजर रखने तथा वाजिब दर सुनिश्चित करने, ढांचागत परियोजनाओं के आवेदनों को मंजूरी देने तथा साइबर सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में भूमिका के लिए जिम्मेदार है।
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