नई दिल्ली। बिहार में नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं। रुझानों में एनडीए को बहुमत मिलता दिख भी रहा है। हालांकि इसके बावजूद अपना आखिरी चुनाव होने का ऐलान कर चुके नीतीश का अरमान पूरा होगा या नहीं, यह बीजेपी पर निर्भर करेगा। क्योंकि एनडीए के भीतर बीजेपी की सीटें बढ़ती दिख रही हैं जबकि जेडीयू जूनियर सहयोगी होती नजर आ रही है। बीजेपी भी हालात भांप कर बयान दे रही है। पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक चैनल से बातचीत में कहा, ‘अभी तो मैं यही कहूंगा कि नीतीश जी मुख्यमंत्री बनेंगे। शाम तक परिणाम आने के बाद क्या राजनीतिक स्थिति बनती है, वो देखेंगे।’ विजयवर्गीय का बयान एक इशारा है कि बीजेपी बिहार में सरकार का नया मुखिया भी तय कर सकती है।
बीजेपी नेता विजयवर्गीय ने कहा, ‘काम नीतीश जी का बहुत अच्छा था। दुष्प्रचार के कारण जेडीयू का थोड़ा सो वोट जरूर कम हुआ है। नरेंद्र मोदी जी जादू है, बीजेपी का स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा है।’ उन्होंने कहा कि जो रुझान आ रहे हैं, वो मोदी का असर है।
बिहार विधानसभा चुनाव में कोरोना काल में बिहार लौटे लोगों में बेरोजगारी और बाढ़ के चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति लोगों में नाराजगी सामने आ रही थी। इसके अलावा सीएम नीतीश के प्रति एंटी इनकंबेसी का फैक्टर भी काम कर रहा था। इसी नाराजगी को भांपकर चिराग पासवान ने पाला बदल लिया और वे एनडीए से अलग हो गए। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार में एंट्री हुई और रैलियों में दमदार तरीके से गठबंधन की बात रखकर माहौल को बदल दिया।
पीएम मोदी ने अपने आखिरी बिहार दौरे में की गई रैलियों में महिलाओं से विशेष रूप से वोट देने की अपील की थी। पीएम अपनी सभी रैलियों में महिलाओं को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दी गई योजनाओं को जिक्र करते रहे। पीएम ने छठ पूजा कर जिक्र करते हुए कहा था कि बिहार की मां पूजा की तैयारी करें उनका दिल्ली में बैठा बेटा उनकी सारी चिंताएं दूर करेंगे। पीएम मोदी की इन्हीं अपीलों को देखकर एनडीए के नेता लगातार कह रहे थे कि वे जीतेंगे, जो अब तक आए रुझानों में सही साबित होता दिख रहा है।
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