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    सिंधिया को झटका, उपचुनाव में बसपा ने भी अपना खाता खोला

  • November 10, 2020

    मुरैना, दतिया, भिंड में भाजपा का खाता तक नहीं खुला
    भोपाल। उपचुनाव में मध्यप्रदेश में शिव का राज तो कायम रहेगा, लेकिन सिंधिया का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। अब तक मिले रुझानों के अनुसार ग्वालियर-चंबल की मुरैना, दतिया, भिंड सीटों पर जहां भाजपा का खाता ही नहीं खुला, वहीं सिंधिया समर्थक 10प्रत्याशी हार के कगार पर हैं, जिनमें 4 मंत्री भी शामिल हैं। हालांकि ग्वालियर के परिणाम सुखद रहे। यहां 3 सीटों पर भाजपा आगे चल रही है, वहीं अशोक नगर और मुंगावली क्षेत्र में भी भाजपा प्रत्याशी आगे हैं।
    मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ में जहां सिंधिया समर्थक प्रत्याशी अपनी बढ़त बनाए हुए हैं, वहीं उनका अपना गृहक्षेत्र ग्वालियर-चंबल संभाग बुरी खबर लेकर आया। क्षेत्र के मुरैना, दतिया, भिंड में जहां भाजपा का खाता तक नहीं खुला, वहीं एक सीट पर बसपा आगे है। मुरैना में बसपा के प्रत्याशी राजौरिया कांग्रेस और भाजपा दोनों से आगे चल रहे हैं, वहीं भांडेर में फूलसिंह बरैया, भिंड में हेमंत कटारे आगे हैं। शिवपुरी की करैरा में कांग्रेस और पोहरी सीट पर बसपा, मुंगावली और अशोक नगर में भाजपा आगे चल रही है। देखा जाए तो ग्वालियर-चंबल संभाग में भाजपा का प्रदर्शन बेहद ही फीका रहा। मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ में सभी सीटों पर भाजपा जहां आगे चल रही है, वहीं सिंधिया के गृहक्षेत्र में बुरा हाल है।

    10 उम्मीदवारों सहित 4 मंत्री पीछे, शिवराज के सिंधिया समर्थक 4 मंत्री हारे
    सत्ता परिवर्तन कराने वाले सिंधिया ने अपने समर्थकों को मंत्री बनवाया था और उसके पीछे मंशा यह थी कि उनके चुनाव जीतने में आसानी होगी, लेकिन सिंधिया समर्थक 4 मंत्री भी चुनाव हार रहे हैं। सिंधिया समर्थकों का हाल यह है कि उनके अपने 4 मंत्री जिनमें एंदलसिंह कंसाना, गिरिराज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़ शामिल हैं। सभी अपने-अपने क्षेत्रों में भारी मतों से पीछे चल रहे है।

    ग्वालियर-चंबल संभाग के बाहर कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल रही है
    मध्यप्रदेश में दोबारा सत्ता में आने का ख्वाब देख रही कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी उम्मीद की लहर ग्वालियर संभाग से थी। यह उम्मीद तो कायम रही, लेकिन अन्य क्षेत्रों में कांग्रेस का बुरा हाल रहा है। ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की सीटों को छोड़कर कांग्रेस किसी भी अन्य क्षेत्र से एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई। देवास के हाटपीपल्या क्षेत्र में शुरुआती दौर में कांग्रेस की बढ़त थी, लेकिन वह भी हाथ से चली गई। कुल मिलाकर कांग्रेस को ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा कहीं और से कोई विशेष सफलता हासिल नहीं हुई हैं । इस कारण उसका दोबारा सत्ता में आने का सपना चूर-चूर हो गया है।

    मध्यप्रदेश/बढ़त
    क्षेत्र पार्टी प्रत्याशी
    सांवेर भाजपा तुलसी सिलावट
    सुवासरा भाजपा हरदीपसिंह डंग
    ब्यावरा कांग्रेस राजेंद्र डांगी
    सांची भाजपा प्रभुराम चौधरी
    बदनावर भाजपा राज्यवर्धनसिंह
    हाटपीपल्या कांग्रेस राजवीरसिंह
    सुरखी भाजपा गोविंदसिंह राजपूत
    ग्वालियर भाजपा प्रद्युम्नसिंह तोमर
    ग्वालियर भाजपा मुन्नालाल गोयल
    आगर-मालवा कांग्रेस विपिन वानखेड़े
    नेपानगर भाजपा सुमित्रा कास्डेकर
    डबरा भाजपा इमरती देवी
    बड़ा मलहरा भाजपा प्रद्युम्नसिंह लोधी
    सुमावली कांग्रेस अजबसिंह कुशवाह
    मुरैना बसपा राजौरिया
    अंबाह कांग्रेस सत्यप्रकाश
    जौरा भाजपा सुखदेवसिंह
    दिमनी कांग्रेस रवीन्द्रसिंह तोमर
    अनूपपुर भाजपा बिसाहूलाल
    बमोरी भाजपा राजेन्द्रसिंह
    भांडेर कांग्रेस फूलसिंह बरैया
    मुंगावली भाजपा बृजेन्द्रसिंह
    मांधाता भाजपा नारायणसिंह
    करैरा कांग्रेस प्रागीलाल जाटव
    मेहगांव कांग्रेस हेमंत पटारे

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