दुबई । संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने देश के इस्लामिक पर्सनल कानूनों (Islamic laws) में ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है । इसके तहत अविवाहित जोड़ों को साथ रहने, शराब प्रतिबंधों में ढील और ऑनर किलिंग को अपराध की श्रेणी में रखे जाने की बात कही गई।
यूएपी में इस तरह के बदलाव को व्यक्तिगत स्वतंत्रता की ओर बड़ा कदम माना जा रहा है। बदलते वक्त के साथ तालमेल की इस कोशिश से वहां बाहर के देशों से जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। यूएई में इस्लाम से जुड़े कई कड़े कानून हैं। ऐसे में कई बार पश्चिमी सहित दूसरे देशों से बड़ी संख्या में बिजनेस और कामकाज आदि के लिए जाने वाले लोगों को मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है।
इस ऐतिहासिक घोषणा में अमेरिका की पहल पर यूएई और इजरायल के बीच संबंधों में और सुधार के प्रयास की भी बात कही गई है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि यूएई में इजरायल के पर्यटकों की संख्या बढेगी और निवेश भी आएंगे। नए कानूनों की घोषणा के तहत 21 साल की उम्र से अधिक के लोग शराब पी सकेंगे। इसे बेच सकेंगे और घर में भी रख सकेंगे। नए नियमों से मुस्लिमों को शराब पीने की इजाजत मिलेगी जिन पर इसके लिए लाइसेंस लेने पर रोक थी।
इन नए कानूनों की घोषणा यूएई के न्यूज एजेंसी WAM के जरिए की गई। साथ ही विस्तार से पूरी जानकारी यूएई सरकार के अखबार ‘द नेशनल’ में भी दी गई है। इसमें कहा गया कि यूएई में 200 देशों के लोग रहते हैं और इसलिए नए कानून उनकी जरूरतों को भी पूरा कर सकेंगे। इससे पहले यूएई में शराब पीने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती थी। नए कानून में 21 साल से कम उम्र के लोगों को शराब बेचने पर पाबंदी होगी। 21 साल से अधिक के लोग अब शराब को निजी रूप से पी सकेंगे या फिर लाइसेंस हासिल चुनिंदा जगहों पर इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। अबू धाबी ने सितंबर में ही शराब के लिए लाइसेंस सिस्टम को खत्म कर दिया था।
संयुक्त अरब अमीरात के इतिहास में पहली बार अविवाहित जोड़ों के साथ रहने को कानूनी मंजूरी दी गई है। इससे पहले ये गैरकानूनी था। ‘द नेशन’ के अनुसार हाल के वर्षों में अधिकारियों ने इसके उल्लंघन को लेकर शायद ही किसी पर मुकदमा चलाया हो। बहरहाल, नया कानून यह सुनिश्चित करेगा कि अब बाहर से आ रहे लोग ऐसा करें तो वे महसूस करें कि वे कानून का पालन कर रहे हैं।
UAE में महिलाओं के अधिकार को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया है। यूएई सरकार ने उन कानूनों में बदलाव किए हैं जिनके तहत ऑनर किलिंग्स जैसे अपराध को संरक्षण मिलता था। ऐसी घटनाओं को अब यूएई में अपराध के तौर पर देखा जाएगा। नए कानून में स्पष्ट किया गया है कि उन पुरुषों के लिए सख्त सजा होगी जो महिलाओं का उत्पीड़न करते हैं।
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