वाशिंगटन। डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनेंगे। 77 साल के बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं। NYT के मुताबिक पेन्सिलवेनिया में जीत के साथ ही जो बाइडेन ने बहुमत के लिए जरूरी इलेक्टोरल वोट जुटा लिए, हालांकि खुबरों के मुताबिक अभी 4 राज्यों में काउंटिंग जारी है।
जानकारी के अनुसार जो बाइडेन को अभी तक 7 करोड़ से ज्यादा वोट मिल चुके हैं। आज से पहले किसी भी राष्ट्रपति को इतने ज्यादा वोट नहीं मिले हैं। एरिजोना में बाइडेन के पास 20,000 से ज्यादा वोट की बढ़त है। जॉर्जिया में वे 7 हजार से ज्यादा वोट से आगे हैं। वहीं, नॉर्थ कैरोलिना और अलास्का में ट्रम्प आगे चल रहे हैं। बाइडेन के पास 279 इलेक्टोरल वोट हो चुके हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 का आंकड़ा चाहिए।
विदित हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद की रेस में बढ़त बना चुके डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप के धमकी भरे अंदाज का जवाब बड़ी गंभीरता से दिया है। बाइडेन ने कहा है कि हम लोग प्रतिद्वंदी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं हैं, हम लोग अमेरिकन है।
एक दिन पहले ट्रंप की धमकी से इतर राष्ट्रपति पद पर फिर से दावा ठोकते हुए जोए बाइडेन ने कहा है कि हर गुजरते घंटे के साथ ये साफ होता जा रहा है कि रिकॉर्ड संख्या में अमेरिकियों ने जिनमें सभी नस्ल, धर्म, क्षेत्र के लोग शामिल हैं, बदलाव को चुना है। उन्होंने कहा कि आंकड़े ये स्पष्ट दिखाते हैं कि हम लोग इस रेस को जीतने जा रहे हैं।
बाइडेन ने कहा है कि जनता ने हमें कोविड पर एक्शन के लिए जनादेश दिया है, अर्थव्यवस्था पर एक्शन के लिए जनादेश दिया है। हमें जलवायु परिवर्तन और संस्थागत नस्लवाद के खिलाफ काम करने के लिए जनादेश दिया है। जीत के प्रति आश्वस्त बाइडेन ने कहा कि डेमोक्रेट्स को इस चुनाव में 300 से ज्यादा इलेक्टोरल वोट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के पहले ही दिन वे कोरोना वायरस पर कंट्रोल पाने का एक्शन प्लान बनाने जा रहे हैं।
अपने समर्थकों को उतेजित न होने का आह्वान करते हुए बाइडेन ने कहा कि इसे कठिन चुनाव के बाद तनाव बहुत ज्यादा होता है, ये बात हमें पता है, लेकिन हमें शांत रहने की जरूरत है। बाइडेन ने कहा कि हमें याद रखना है कि चुनाव का उद्देश्य बिना रुके लड़ाई-झगड़ा ही करना नहीं है। ट्रंप खेमे की ओर ओलिव ब्रांच की पेश करते हुए बाइडेन ने कहा कि हमलोग प्रतिद्वंदी जरूर हो सकते हैं, लेकिन हम लोग शत्रु नहीं हैं, हम लोग अमेरिकन हैं।
भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिकी उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने वाली पहली अश्वेत महिला बनीं। इस जीत के साथ, कमला हैरिस ने पहली महिला, पहली अश्वेत अमेरिकी और अमेरिका की पहली एशियाई अमेरिकी उपराष्ट्रपति के रूप में इतिहास बनाया। उन्हें 2024 में डेमोक्रेटिक नामांकन के लिए उम्मीदवार होने की भी उम्मीद है।
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