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    भोपाल में मुस्लिम रहनुमा कौन, आरिफ या मसूद?

  • November 06, 2020

    • दोनों नेताओं की छवि रही है कट्ठर

    भोपाल। प्रदेश सरकार ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के एक संाप्रदाय विशेष के खिलाफ किए गए प्रदर्शन एवं विरोधी बयानों के बाद शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। भोपाल में लंबे समय तक आरिफ अकील मुस्लिम बाहुल्य सीट उत्तर से विधायक चुनते आ रहे हैं। पिछले चुनाव में मध्य विधानसभा सीट से आरिफ मसूद भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते। अकील की छवि समन्वय वाले नेता की है, लेकिन मसूद की छवि कट््ठर मुसलमान नेता के तौर पर बनती जा रही है। भोपाल की सियासत में यह चर्चा शुरू हो गई है कि अब मुस्लिम रहनुमा आरिफ अकील हैं या फिर आरिफ मसूद हो गए हैं। आरिफ अकील की राजनीति एक छात्र नेता के रूप में शुरू हुई थी। शुरू में उनकी छवि एक कट्ठर नेता की थी। बाद में विधायक बनने के बाद उन्होंने अपनी छवि को बदला और हिन्दु एवं मुसलमानों को साथ लेकर चला। हालांकि अकील भोपाल के बड़े नेता रसूद अहमद सिद्धीकी के कट्ठर विरोधी थी। सिद्धीकी का भोपाल में अच्छा
    खासा प्रभाव था। जब तक सिद्धीकी थे, तब तक अकील की छवि कट़ठर नेता की थी, लेकिन उनकी मौत के बाद अकील ने खुद की छवि को बदला और एक समन्वयक नेता के रूप में स्थापित किया। यही वजह है कि उत्तर विधानसभा सीट से वे लगातार जीतते आ रहे हैं। उन्हें हिंदुओं का भी वोट मिलता रहा है। भोपाल के तीन नेता मो सलीम, मोहम्मद सरवर और आरिफ मसूद ने राजनीति की शुरूआत सिद्धीकी के बंगले से ही की थी। तीनों को उनका कट्ठर समर्थक माना जाता है। रसूद अहमद सिद्धीकी की छवि कट्ठर की कभी नहीं रही, उन्होंने सभी वर्ग खासकर हिंदू एवं मुसलमानों को साथ लेकर चला और समन्वय का काम किया। हालांकि मसूद द्वारा भोपाल के बाहर के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन एवं बयानों दिए जाते हैं। जिससे उनकी छवि को कट्ठर नेता की बन गई है।

    हर साल राष्ट्रप्रेम यात्रा निकालते हैं अकील
    आरिफ अकील हर साल 15 अगस्त को राष्ट्रप्रेम यात्रा निकाले हैं। इसमें हजारों की संख्या में लोग होते हैं। खास बात यह है कि इसमें हिंदू भी बड़ी संख्या में होते हैं। आरिफ अकील का लंबे समय से स्वास्थ्य खराब चल रहा है, लेकिन वे किसी भी संाप्रदायिक मुद्दे पर बयानवाजी करने से बचते हैं। उनकी सियासत भोपाल तक सीमित हैं।

    गदर का विरोध करके नेता बने मसूद
    20 साल पहले जब गदर फिल्म आई थी। उसमें एक दृष्य में फिल्म के हीरों ने हीरोइन की मांग भरी थी। दरअसल गदर फिल्म भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय हुई घटनाओं पर आधारित हैं। फिल्म में हीरो मुस्लिम लड़की की भूमिका निभा रही हीरोइन की मांग भरता है। जिसको लेकर मसूद ने भोपाल में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के बाद से मसूद नेता बन गए थे। इसके बाद से वे भोपाल के बाहर या फिल्मों के किसी मुद्दे पर प्रदर्शन करते रहते हैं। जबकि आरिफ अकील भोपाल के बाहर के मुद्दों से कोई वास्ता नहीं रखते हैं।

    मसूद की गिरफ्तारी तय!
    कांगे्रस विधायक आरिफ मसूद की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। भोपाल पुलिस ने उनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। वे फिलहाल बिहार में पार्टी के चुनाव प्रचार पर गए हैं। वहां से लौटने के बाद मसूद को गिरफ्तार किया जा सकता है। इस संबंध में भोपाल पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। गुरुवार को भोपाल जिला प्रशासन ने जिस तरह से मसूद के अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलाया। उससे लगता है कि उन्हें गिरफ्तार भी किया जाएगा। प्रशासन की कार्रवाई को लेकर मसूद ने किसी तरह का विरोध नहीं किया है। न ही उनके समर्थकों ने कोई प्रतिक्रिया दी है। खास बात यह है कि मसूद मामले से कांग्रेस ने पूरी तरह से दूरी बना ली है। अभी तक कांग्रेस के किसी भी नेता ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। मीडिया के बार-बार पूछने के बाद भी कांग्रेस का कोई भी नेता मसूद के समर्थन में खुलकर नहीं आ रहा है। हालांकि पीसीसी ने इस कार्रवाई की निंदा की है।

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