ढाका। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की भीड़ ने फ्रांस का समर्थन करने पर कोमिला में हिंदू समुदाय के कई लोगों के घरों में तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी। इन लोगों का आरोप है कि एक स्थानीय हिंदू ने फेसबुक पर फ्रांस का विरोध करने वाले एक पोस्ट को लेकर कथित तौर पर नकारात्मक टिप्पणी की थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। बांग्लादेश में पहले से ही फ्रांस के विरोध में रोज बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बांग्लादेश के स्थानीय मीडिया ढाका ट्रिब्यूनल के मुताबिक रविवार दोपहर कोमिला के मुरादनगर उपजिला के तहत कोरबनपुर गांव में ये वारदात हुई। जिसके बाद वहां के हिंदू समुदाय में दहशत का माहौल है। दंगाईंयों ने स्थानीय यूनियन परिषद के अध्यक्ष बनकुमार शिव के कार्यालय और कमेंट करने के कथित आरोपी शंकर देबनाथ के घर में आग लगा दी। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां के कम से कम 10 हिंदू परिवारों पर हमले भी किए।
घरों में लगाई गई आग इतनी भयावह थी कि उसे बुझाने के लिए दमकर की कई गाड़ियों को बुलाना पड़ा। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय बंगरा पुलिस स्टेशन पर तैनात पुलिस टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई। बाद में कोमिला के उपायुक्त अबुल फजल मीर, पुलिस अधीक्षक सैयद नुरुल इस्लाम और प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया।
स्थानीय लोगों के हवाले से ढाका ट्रिब्यूनल ने लिखा है कि शनिवार को गांव के एक स्थानीय व्यक्ति शंकर देबनाथ ने फ्रांस से संबंधित एक फेसबुक पोस्ट पर टिप्पणी की थी। इस पोस्ट में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने पर फ्रांस का विरोध करने की बात की गई थी। आरोप है कि शंकर देबनाथ ने अपने कमेंट में फ्रांस का समर्थन करने और पैगंबर के कार्टून का समर्थन किया था।
पुलिस ने आगजनी की घटना को लेकर मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि, धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में पुलिस ने शंकर देबनाथ और एक अन्य आरोपी अनिक भौमिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कोमिला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) डीएसबी अजीमुल अहसन ने कहा कि कोरबनपुर गांव के स्थानीय लोगों के एक समूह ने स्थानीय संघ परिषद के अध्यक्ष बनकुमार शिव, शंकर देबनाथ के घर पर धावा बोला, और कई अन्य हिंदू घरों में भी तोड़फोड़ की।
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