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    गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का भारत ने किया विरोध

  • November 02, 2020

    नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किए जाने का विरोध किया है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान द्वारा अवैध और जबरन कब्जे के तहत भारतीय क्षेत्र के हिस्से में भौतिक परिवर्तन लाने के प्रयास को दृढ़ता से अस्वीकार करती है और पाक इन अवैध कब्जे को तत्काल खाली करे।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान के अवैध और जबरन कब्जे के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा दिए जाने का विरोध करती है। उन्होंने कहा, ‘मैं फिर से कहता हूं कि गिलगित-बाल्टिस्तान सहित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं।’

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाक के अवैध कब्जे की आलोचना करते हुए कहा कि 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत संघ में वैध और पूर्ण विलय की वजह से पाक सरकार का जबरन कब्जाए गए क्षेत्र पर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तान की ओर से इस तरह के प्रयास से पाक अधिकृत क्षेत्र में रह रहे लोगों के साथ पिछले सात दशक से मानवाधिकारों के उल्लंघन और आजादी से वंचित रखने को छिपाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इन भारतीय क्षेत्रों का दर्जा बदलने की बजाए तत्काल सभी अवैध कब्जे को खाली करे।

    इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया। पीएम इमरान ने गिलगित में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान सरकार के फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की संप्रभुता और एकजुटता को बनाए रखने के लिए सेना का मजबूत होना बेहद जरूरी है।

    ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इमरान ने विपक्षी मोर्चे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के हमले के बाद अपनी सरकार के बचाव को लेकर यह घोषणा की गई है। पाक में कुल 11 सियासी दलों ने सितंबर 2020 में लोकतंत्र बहाली की मांग के साथ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट नाम से एक मोर्चे का गठन किया है और यह इमरान सरकार पर लगातार हमलावर है।

    इमरान सरकार ने अभी कुछ दिनों पहले ही इस इलाके में चुनाव कराने का ऐलान किया था। हालांकि भारत ने इस घोषणा के खिलाफ अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. विदेश मंत्रालय ने नवंबर महीने में होने वाले चुनाव को लेकर कहा कि पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में चुनाव कराकर भारत के हिस्से पर अवैध कब्जा नहीं कर सकता। चुनाव करवाने का फैसला वहां के लोगों के लिए सीधे-सीधे मानवाधिकार उल्लंघन और शोषण का गंभीर मामला है।

    विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हमें रिपोर्ट मिली है कि गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में 15 नवंबर 2020 को विधानसभा चुनाव करवाए जा रहे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के समक्ष अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की है। हमने पाकिस्तान सरकार के सामने अपनी बात दोहराते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़ा पूरा इलाका भारत का है. इसी के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत भी भारत के हिस्से के तहत आता है। पाकिस्तान को भारत के इस क्षेत्र पर अवैध और बलपूर्वक कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है।

     

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