– देश के 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में से एक तिहाई घाटे में
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को 670 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई है। सरकार ने आरआरबी के पूंजी आधार को मजबूत करने तथा इस मुश्किल वक्त में कृषि वित्त में उनकी अहम भूमिका के मद्देनजर यह कदम उठाया है।
बताया गया है कि देश के 43 आरआरबी में से एक-तिहाई घाटे में हैं। इनमें से अधिकांशत: पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं। इन आरआरबी को नौ फीसदी की नियामकीय पूंजी की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए मदद की जरूरत थी।
गौरतलब है कि आरआरबी के पुन:पूंजीकरण की मौजूदा योजना के तहत इन बैंकों को केंद्र सरकार, संबंधित राज्य सरकारों तथा प्रायोजक बैंकों से 50:15:35 के अनुपात में पूंजीगत समर्थन उपलब्ध कराया जाता है। इसकी मदद से ये बैंक नौ फीसदी के पूंजी जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) को पूरा कर पाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक इसी अनुपात में प्रायोजक बैंकों और कुछ राज्यों ने भी आरआरबी के लिए कोष जारी किया है। इससे अब इन कमजोर आरआरबी का सीआरएआर बढ़कर नौ फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है। इससे इन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की 31 मार्च, 2021 तक की पूंजीगत जरूरत पूरी हो गई है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्त वर्ष में आरआरबी को सामूहिक रूप से 2,206 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में भी आरआरबी को 652 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। (एजेंसी, हि.स.)
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