• img-fluid

    पिछले छह साल में सेंसेक्स 15 हजार अंक चढ़ा, सरकारी कंपनी के शेयर गिरे

  • October 31, 2020

    नई दिल्ली। यह देश की अर्थव्यवस्था की विसंगति है या विदेशी निवेशकों की साजिश कि एक ओर शेयर बाजार नित नई ऊंचाइयां छू रहा है तो वहीं सरकारी कंपनियों के शेयर पिछले अधोगति को प्राप्त हो रहे हैं। पिछले छह साल में सेंसेक्स 15000 अंक चढ़ा लेकिन अधिकतर महारत्न और नवरत्न कंपनियों के शेयर 2014 के मुकाबले आज आधे से लेकर चौथाई दाम पर बिक रहे हैं।

    देश की सबसे बड़ी महारत्न का दर्जा प्राप्त ओएनजीसी का शेयर अगस्त 2014 में 290 रुपये का था जो आज 65 रुपये में बिक रहा है। इसी तरह स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया सेल का शेयर जून 2014 में 97 रुपये का था जो आज 34 रुपये में मिल रहा है।

    भले ही पिछले छह वर्षों में कोयला खदानों की नीलामी से सरकार को दसियों लाख रुपया मिला लेकिन कोल इंडिया लिमिटेड का शेयर इस दौरान 389 रुपये से घटकर 110 पर आ गिरा है। ऑयल इंडिया लिमिटेड का शेयर 319 रुपये से घटकर 85 रुपये पर आ गया है तो इंजिनियर्स इंडिया लिमिटेड का शेयर 139 से घट कर 64 रुपये पर। देश की सबसे बड़ी निर्माण कंपनी एनबीसीसी का शेयर 76 रुपये से घटकर आज 22 रुपये पर है।

    यहां तक कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का मुनाफा पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले भले ही इस वर्ष 10 गुना बढ़ गया हो, लेकिन उसके शेयर का दाम भी लगातार गिर रहा है। 2014 में इसका शेयर 100 रुपये का था जो आज घटकर 78 का रह गया है। एमटीएनएल का शेयर जुलाई 2014 में 35 रुपये का था जो आज घटकर 9.45 रुपये का रह गया है। चाहे एनटीपीसी हो, स्टेट बैंक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड या पंजाब नेशनल बैंक सभी के शेयर पिछले छह वर्षों में बहुत तेजी से गिरे हैं।

    अर्थशास्त्री मानते हैं सरकारी कंपनियों के शेयर का दाम गिरने के पीछे निवेशकों का भरोसा डगमगाना है। अर्थशास्त्री केए बद्रीनाथ कहते हैं शेयर मार्केट में बहुत से फैक्टर काम करते हैं जिनसे किसी कंपनी का दाम बढ़ता है या घटता है। हर कंपनी के लिए अलग तरह से विश्लेषण करना होगा।

    वही स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक अश्विनी महाजन का मानना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा सिर्फ निजी कंपनियों में निवेश करने से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की यह हालत हो रही है। उनका मानना है कि सभी सरकारी कंपनियों का जल्द से जल्द विनिवेश कर देना चाहिए क्योंकि इन्हें चलाने वाले नौकरशाह गलत नीतियां बना रहे हैं। यही वजह है कि एयर इंडिया जैसी कंपनी पिछले 6 सालों से बिक नहीं पा रही है।

    जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर सुरजीत दास का भी मानना है शेयर मार्केट पर सट्टा बाजार हावी है। लॉकडाउन के दौरान भी शेयर मार्केट लगातार भाग रहा था। निवेशकों को जिस कंपनी में ज्यादा संभावनाएं दिखाई देती हैं वे उसी में पैसा लगाते हैं। इसका नुकसान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को हो रहा है।

    Share:

    Hero Extreme 160R पर बंपर बचत, जानिए क्या हैं ऑफर

    Sat Oct 31 , 2020
    नई दिल्ली। Hero Motocorp ने अपनी पॉप्युलर बाइक Hero Extreme 160R पर दिवाली ऑफर पेश किए हैं। यह बाइक अब 3000 रुपये के एक्सचेंज बोनस के साथ खरीदी जा सकती है। इसके अलावा जिन ग्राहकों के पास पहले से हीरो बाइक है उन ग्राहकों को 2,000 रुपये का लॉयल्टी बोनस भी मिलेगा। इसके अलावा हीरो […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved