भोपाल। वन्य प्राणियों के अंगों, खाल आदि की तस्करी करने वाला गिरोह यूट्यूब के माध्यम से अवैध व्यापार कर रहा था। वन विभाग की स्पेशल टॉस्क फोर्स ने अगस्त 2020 में कार्रवाई कर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इसमें तीन आरोपित गिरफ्तार भी हो चुके थे, लेकिन इसके बाद भी गिरोह का वीडियो यूट्यूब पर डला हुआ था। इससे अन्य लोग भी लालच और अंधविश्वास का शिकार हो रहे थे। इसे देखते हुए वन विभाग ने यूट्यूब भारत एवं अमेरिका को नोटिस जारी कर आपराधिक कृत्य में कार्रवाई का अनुरोध किया था। समय रहते कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें एक मामले में आरोपित भी बनाया गया था। इसके बाद यूट्यूब ने वन्यप्राणी के अंगों के अवैध व्यापार संबंधी प्रकरण से जुड़े वीडियो एवं लिंक को रिमूव करने के बाद ब्लॉक कर दिया। इस गिरोह के खिलाफ तेलंगाना में भी कार्रवाई हुई है और 10 से अधिक आरोपित गिरफ्तार हुए हैं। उप वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) ने बताया कि प्रदेश में यह प्रथम मामला दर्ज किया गया, जिसमें गिरोह द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग कर यू-ट्यूब के माध्यम से वन्य-प्राणी अंगों की तस्करी प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर की जा रही थी। स्पेशल टॉस्क फोर्स (वन्य-प्राणी) के अंतर्गत गठित फॉरेस्ट सायबर सेल द्वारा प्रकरण की विवेचना करने पर पाया गया कि लिप्त गिरोह द्वारा वन्य-प्राणियों से संबंधित वीडियो बनाकर उसे अपलोड कर अवैध व्यापार किया जा रहा था, जिसमें लोग लालच/अंधविश्वास में आकर भ्रमित होकर इस आपराधिक कृत्य में शामिल होते रहे तथा लगातार ऐसे व्यक्तियों की संख्या भी बढ़ती गई।
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