भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में पिछले 7 महीने में विधायकों का कांग्रेस से मोह भंग होने का सिलसिला जारी है। उपचुनाव के बीच कांग्रेस के एक और विधायक के बीजेपी में जाने के बाद पिछले 7 महीने में कांग्रेस का कुनबा कम हुआ है। अब तक 26 विधायक हाथ का साथ छोड़ चुके हैं। भाजपा ने कुछ और विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया है। आगामी कुछ दिनों में उनके नाम भी सामने आ सकते हैं, जबकि कांग्रेस इसे लोकतंत्र की हत्या बता रही है। उपचुनाव के बीच कांग्रेस के एक और विधायक के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा नेताओं का दावा है कि अभी भी कांग्रेस के कुछ और विधायक संपर्क हैं। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या उपचुनाव के परिणाम आने से पहले ऐसे कुछ और झटके कांग्रेस को लगने वाले हैं। भाजपा नेता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा में जो नेता शामिल हो रहे हैं, उनका स्वागत है। कांग्रेस में उथल-पुथल मची हुई है। कांग्रेस के और कई विधायक संपर्क में हैं।
नहीं थमा इस्तीफे का सिलसिला
28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की घोषणा के बाद यह माना जा रहा है कि अब विधायकों के समर्थन और इस्तीफे का सिलसिला रूक जाएगा, लेकिन यह अभी भी जारी है। पहले भगवानपुरा से निर्दलीय विधायक केदार चिड़ाभाई डावर ने शिवराज सरकार को समर्थन की घोषणा की और अब कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस लगातार भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है। कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया का कहना है कि यदि भाजपा को इसी तरीके से विधायकों की खरीद-फरोख्त करना है तो फिर वह उपचुनाव क्यों करा रही है।
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