भोपाल। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने बुधवार को भोपाल, सागर, रीवा, उज्जैन, शहडोल संभाग से विदा हो गया। दस वर्ष में पहली बार मानसून की शहर से इतनी देर से विदाई हुई है। हालांकि दस दिन पहले ग्वालियर संभाग से मानसून विदा हो चुका है, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में बरसात होने से मानसून की विदाई टल गई थी। उधर मौसम विज्ञानियों ने अब रात के तापमान में गिरावट होने के आसार जताए हैं।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में वर्तमान में होशंगाबाद संभाग में मानसून सक्रिय है,जबकि इंदौर और जबलपुर संभाग के कुछ हिस्सों से भी मानसून विदा हो चुका है। शुक्ला ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और जम्मू काश्मीर के पास मौजूद है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक यह सिस्टम गुरुवार तक उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में पहुंचेगा। इससे प्रभाव से बर्फबारी होने की संभावना है। साथ ही हवा के रुख में भी बदलाव होने लगा है। इससे राजधानी सहित प्रदेश में रात के तापमान में दो-तीन दिन में तीन डिग्री तक की गिरावट हो सकती है। वर्तमान में एक गहरा कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में मौजूद है। इसके आज अवदाब के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है। इसके बाद यह सिस्टम बांग्लादेश की तरफ बढ़ेगा। इस वजह से इस सिस्टम का मप्र पर असर होने की संभावना कम है। जम्मू काश्मीर के पास सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ से शुक्रवार से उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बारिश के साथ ही बर्फबारी हो सकती है। हवा का रुख भी अभी उत्तर-पूर्वी हो गया है। इस वजह से अब रात के तापमान में गिरावट दर्ज होने लगेगी।
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