लंदन/ब्रासीलिया। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca की जिस वैक्सीन से अब तक सबसे ज्यादा उम्मीद लगाई जा रही थी, ब्राजील में उसके तीसरे चरण के ट्रायल में एक वॉलंटिअर की मौत हो गई है। ब्राजील की हेल्थ अथॉरिटी Anvisa ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी है। हालांकि, इस वॉलंटिअर को वैक्सीन नहीं दी गई थी और इसलिए वैक्सीन के ट्रायल रोके नहीं जाएंगे।
वैक्सीन नहीं दी गई थी
फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाओलो की मदद से ब्राजील में कोरोना वायरस की वैक्सीन AZD222 के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे थे। यूनिवर्सिटी ने जानकारी दी है कि जिस वॉलंटिअर की मौत हुई है वह ब्राजील का था। ब्लूमबर्ग के मुताबिक 28 साल के वॉलंटिअर को वैक्सीन नहीं दी गई थी। Anvisa ने कहा है कि हादसे के बाद भी वैक्सीन का ट्रायल चलता रहेगा लेकिन इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। वहीं, ऑक्सफर्ड के वैज्ञानिकों ने कहा है कि वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है।
अमेरिका में बंद थे ट्रायल
इससे पहले सितंबर में ब्रिटेन में वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक वॉलंटिअर को अस्पताल ले जाना पड़ा था। इसके बाद दुनियाभर में ट्रायल रोक दिए गए। हालांकि, बाद में अमेरिका को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर ट्रायल फिर से शुरू हो गए। रिपोर्ट्स में बताया है कि अमेरिका में भी अब FDA (फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन) ने सेफ्टी डेटा के रिव्यू के बाद ट्रायल फिर से शुरू करने का फैसला किया था लेकिन अब एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है कि ब्राजील की घटना के बाद क्या फैसला किया जाएगा।
कभी नहीं जाएगा कोरोना वायरस?
दूसरी ओर कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर ब्रिटेन के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार के दावे से लोगों की चिंता बढ़ गई है। महामारी के लिए गठित ब्रिटिश सरकार की सलाहकार समिति के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा कि कोरोना वायरस को कभी भी खत्म नहीं किया जा सकेगा। यह लोगों के बीच हमेशा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि, एक वैक्सीन वर्तमान स्थिति को थोड़ा बेहतर बनाने में मदद जरूर करेगी।
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