भोपाल। ग्वालियर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने पैनल लॉयरों के काम को लेकर खासी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि सरकार के वकील को कोर्ट की मदद करनी चाहिए, लेकिन ये मदद की वजाए बोझ बन गए हैं। इन्हें कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का तरीका भी नहीं मामूल है। एमएलसी व पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट भी नहीं पढ़ पा रहे हैं। इसलिए महाधिवक्ता व अतिरिक्त महाधिवक्ता को इन्हें प्रशिक्षत करना चाहिए। इन्हें बताना चाहिए कि कैसे कोर्ट में पैरवी करते हैं। हाई कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को निर्देशित किया है कि आदेश की कॉपी महाधिवक्ता जबलपुर, प्रमुख सचिव विधि विभाग को भेजी जाए। सुरेश सिंह तोमर के खिलाफ भिंड जिले के मामलपुर थाने में मारपीट व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज है। पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती थी, गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। कोर्ट ने केस डायरी तलब की, लेकिन इस केस में महाधिवक्ता कार्यालय से पैनल लॉयर विवेक शर्मा को भेजा गया। केस डायरी के तथ्य कोर्ट के सामने नहीं रख पाए। एमएलसी रिपोर्ट नहीं पढ़ पाए। इसको लेकर कोर्ट ने खासी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि अनुभव नहीं रखने वाले वकीलों को पेनल में रख लिया है। इससे कोर्ट का काम प्रभावित हो रहा है। कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि नए वकीलों को केसों में भेजा रहा है।
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