इदौर। बाणगंगा थाना क्षेत्र में 2 दिन पूर्व दो पुलिसकर्मियों पर बदमाशों ने चाकू से जानलेवा हमला कर दिया था। यह थाना पिछले कई वर्षों से अपराध में नंबर वन का तमगा लिए हुए। आवश्यकता है कि जिस तरह शहर में कई थानों को तोड़कर नए थाने बनाए गए हैं इसी तरह इस थाने को भी दो हिस्सों में बांटा जाए, ताकि अपराध पर नियंत्रण हो सके
जिले में वर्तमान में 45 के लगभग थाने हैं। इनमें से 30 से अधिक थाने शहर में हैं। इन थानों में दर्ज होने वाले अपराधों पर नजर डालें तो बाणगंगा थाना पिछले 15 वर्षों से अपराध में नंबर वन बना हुआ है। यह सिलसिला इस साल भी जारी है। इस साल अब तक यहां 1153 मामले दर्ज हो चुके हैं। इस रेस में लसूडय़िा थाना 1050 अपराध के साथ नंबर दो पर है। वहीं खजराना थाना 1000 अपराध के साथ नंबर 3 पर हैं। दूसरी ओर पिछले कई वर्षों से सराफा थाना सबसे कम अपराध के चलते नंबर वन है। वहीं शहरी क्षेत्र के थाने पंढरीनाथ, कोतवाली, छोटी ग्वालटोली में भी नाममात्र के अपराध दर्ज हुए हैं। पुलिस का कहना है कि व्यावसायिक क्षेत्र होने के कारण यहां आबादी कम हो गई है। इसके चलते यहां नाममात्र के अपराध दर्ज होते हैं। वहीं दूसरी ओर बाणगंगा, लसूडिय़ा और खजराना जैसे थानों में रहवासी क्षेत्र अधिक हैं और बड़ी मात्रा में स्लम एरिया हैं। इसके चलते यहां अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने शहर में कई थानों को पाटकर नए थाने बनाए हैं। इसके चलते अपराध में कमी आई है। इसी तरह अब बाणगंगा थाने को भी बांटकर नया थाना बनाने की आवश्यकता दिखाई दे रही है।
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