पटना । बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोकनीति और सीएसडीएस के सर्वे में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। एनडीए को 133-143 सीट मिलने का अनुमान है। महागठबंधन को 88-98 सीट, लोजपा को 2-6 सीट और अन्य को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है। मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की पहली पसंद नीतीश कुमार हैं। 31 फीसदी लोगों की पसंद के साथ वो पहले नंबर पर हैं तो राजद नेता तेजस्वी यादव 27 फीसदी लोगों की पसंद के साथ दूसरे स्थान पर हैं। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान 5 फीसदी के साथ तीसरे और भाजपा नेता सुशील मोदी 4 फीसदी लोगों की पसंद के साथ चौथे स्थान पर हैं। सर्वे में 55 फीसदी भाजपा समर्थकों ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने पर सहमति जताई तो जदयू के 93 फीसदी समर्थकों ने नीतीश कुमार पर भरोसा जताया।
सर्वे में बिहार में फिर एनडीए की स्पष्ट बहुमत से सरकार बनती दिख रही है। 38 फीसदी लोगों ने एनडीए पर फिर से भरोसा जताया है तो 32 फीसदी लोग चाहते हैं कि महागठबंधन की सरकार बने। 6 फीसदी लोगों का मानना है कि राज्य में एलजेपी की सरकार बननी चाहिए। सर्वे में 52% लोग नीतीश सरकार के काम से संतुष्ट जबकि 44 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं। 61 फीसदी लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश दिखे तो वहीं 35 फीसदी लोगों ने नाखुशी जताई।
विकास हो चुनावी मुद्दा, 29 फीसदी लोगों की राय
सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई कि बिहार में चुनावी मुद्दा क्या होना चाहिए। लोगों को विकास, बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी और शिक्षा का विकल्प दिया गया, जिसमें से 29 फीसदी लोगों ने माना कि विकास ही चुनावी मुद्दा होना चाहिए, जबकि 20 फीसदी बेरोजगारी, 11 फीसदी महंगाई, 6 फीसदी गरीबी और 7 फीसदी लोगों ने शिक्षा को चुनावी मुद्दा माना।
ओपिनियन पोल में 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया
लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया जिनमें से 3731 लोगों से बात की गई। यह सर्वे 10 से 17 अक्टूबर के बीच किया गया। इनमें 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिला मतदाताओं से बात की गई। इसमें 90 फीसदी सैंपल ग्रामीण इलाकों से और 10 फीसदी शहरी इलाकों से लिए गए। इनमें 18 से 25 साल तक के 14 फीसदी, 26 से 35 साल के 29 फीसदी, 36 से 45 साल के 15 फीसदी, 46 से 55 साल के 15 फीसदी और 56 साल के अधिक के 17 फीसदी लोग शामिल थे। इस सैंपल में 16 फीसदी सवर्ण, 51 फीसदी ओबीसी, 18 फीसदी एससी और 14 फीसदी मुस्लिम शामिल रहे।
एनडीए और महागठबंधन में है मुकाबला
एनडीए में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, एचएएम और वीआईपी शामिल हैं, जबकि महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, सीपीआईएमएल, सीपीआई, सीपीएम हैं। इसके अलावा ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट (जीडीएसएफ) राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, समाजवादी जनता दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, जनतांत्रिक पार्टी सोशलिस्ट का गठबंधन है।
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