मंदसौर। प्रतिवर्ष केंद्र सरकार द्वारा अफीम नीति सितम्बर माह के अंत तक घोषित कर दी जाती है, लेकिन इस वर्ष अक्टूबर माह भी अंतिम दिनों में चल रहा है, अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा अफीम नीति घोषित नहीं की है। जिसके कारण क्षेत्र के किसान परेशान होकर केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों कार्यालय के चक्कर कांट रहे है। कार्यालय में भी अधिकारी संतुष्टि पूर्वक जवाब किसानों को नहीं दे पा रहे क्योंकि उनके पास भी अभी तक कोई निर्देश नहीं आये है।
जानकारी के अनुसार इस बार लगभग तीनों खंडों में 10 से 12 हजार अफीम पट्टों का वितरण होना है, लेकिन अभी तक पट्टे जारी नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है यदि हमें पट्टे मिल जाते तो हम अपनी फसल बो देते परंतु इस बार 10 से 15 दिन अफीम के पट्टे लेट हो जाने के कारण परेशानी आ रही है। हम लोग नारकोटिक्टस कार्यालय के चक्कर पर चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी लोग भी संतुष्टि पूर्वक जवाब नहीं दे पा रहे है।
उल्लेखनीय है कि पूरे देश भर में अफीम की सर्वाधिक खेती मध्यप्रदेश के मालवा बेल्ट मंदसौर और नीमच में तथा राजस्थान के चित्तौडगढ में होती है। ऐसे में इन क्षेत्रों के किसानों के लिए अफीम नीति घोषित होना बेहद जरूरी रहता है।
अफीम उत्पादक किसान नंदकिशोर पाटीदार ने बताया कि अफीम नीति समय पर नहीं आने से हम लोग समंजस की स्थिति में है। यदि पट्ट मिल जाते है तो हम लोग अफीम बो देते अभी हम दूसरी फसल भी नहीं बो पा रहे, क्योंकि बाद में यदि पट्टा मिल गया तो हमारे लिये तो परेशानी बड़ी है।
मंदसौर जिला अफीम अधिकारी अनिल कुमार शर्मा का कहना है कि अभी तक हमारे पास अफीम फसल को लेकर कोई नीति या कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए है। कार्यालय स्तर पर हमारी सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं अब सिर्फ नीति आने का इंतजार है।
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