नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली ग्रैंडस्लैम 2020 जूडो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम से अपने आवास पर मुलाकात की।
रिजिजू ने इस दौरे के लिए भारतीय टीम को अपना शुभकामनाएं दी और कहा कि सरकार 2024 और 2028 के ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत प्रतिभा पूल बनाने के लिए इस खेल की राष्ट्रीय महासंघ के साथ मिलकर काम कर रही है।
रिजिजू ने कहा, “टीम आज हंगरी के लिए रवाना हो रही है और मुझे उम्मीद है कि कुछ एथलीट ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगे। जूडो हमारे लिए एक प्राथमिकता वाला खेल है और हम ट्रेनिंग सुविधाओं और कोचों के मामले में क्षमता बढ़ाएंगे।”
उन्होंने कहा, “इसके पीछे 2024 और 2028 के ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा कर सकने वाले युवा एथलीटों के प्रतिभा पूल का निर्माण करने के साथ अनुभवी एथलीटों को पूर्ण समर्थन देने की सोच है। हम आगे की योजना के लिए महासंघ के साथ विस्तृत रूप रेखा तैयार करने पर चर्चा करेंगे।”
बता दें कि यह टूर्नामेंट एक ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भी है,जिसका आयोजन 23 से 25 अक्टूबर तक किया जाएगा। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद भारतीय जूडोकाओं का यह पहला टूर्नामेंट होगा।
इस टूर्नामेंट के लिए रवाना हो रहे दल में महिला टीम में मणिपुर की 25 वर्षीय सुशीला देवी (48 किग्रा) और दिल्ली की 22 वर्षीय तूलिका मान (78 किग्रा) शामिल हैं।
इसके अलावा पुरुष टीम में पूर्व ओलंपियन और 28 वर्षीय अवतार सिंह (100 किग्रा), पंजाब के 22 वर्षीय जसलीन सिंह सैनी (66 किग्रा) और 24 वर्षीय विजय यादव (60 किग्रा) शामिल हैं। इस पांच सदस्यीय जूडो टीम में कोच जीवन शर्मा भी होंगे, जो टीम के साथ ही हंगरी के लिए रवाना होंगे। हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाले इस आईजीएफ इवेंट में 81 देशों के करीब 645 खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है। (एजेंसी, हि.स.)
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