नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सर्दी के मौसम और त्योहारों को देखते हुए कोरोना के खिलाफ जंग में अगले ढाई महीने बहुत अहम हैं। इसलिए यह हम सभी की जिम्मेदारी है किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें और कोरोना को फैलने से रोकें। उन्होंने कहा कि देश में तीन कोरोना वैक्सीन का परीक्षण अग्रिम चरण में है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो देश में जल्द ही स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में जिन तीन टीकों को विकसित करने का काम प्रगति पर है और उनमें से एक वैक्सीन के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है जबकि दो वैक्सीन अभी दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के दौर में हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अगले ढाई महीने बेहद अहम होने जा रहे हैं क्योंकि सर्दियों और त्योहारों का मौसम शुरू हो रहा है।
हर्षवर्धन ने कहा कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह एहितयात में कमी ना करे और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोरोना से जुड़े दिशानिर्देशों का उपयुक्त रूप से पालन करे। स्वास्थ्य मंत्री कोरोना पर व्यवहार के विषय पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद यानी सीएसआईआर के संस्थान प्रमुखों और निदेशकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है लेकिन सामान्य एहतियाती उपाय के जरिए संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है। इन एहतियाती उपायों में मास्क पहनना, खासतौर पर सार्वजनिक स्थलों पर और स्वच्छता के शिष्टाचार का पालन करना शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने संक्रमण को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए शारीरिक दूरी की अहमियत पर जोर दिया।
हर्षवर्धन ने बताया कि दुनिया में कोरोना मरीजों के उबरने की दर भारत में सबसे ज्यादा और महामारी से होने वाली मौत की दर बहुत कम है। बीते दिनों हर्षवर्धन ने भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी और सेंट जोंस एंबुलेंस की वार्षिक आमसभा की बैठक में कहा था कि उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में कोरोना की वैक्सीन बना ली जाएगी और छह महीने में लोगों में इसे देने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
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