भोपाल। उपचुनाव में नामांकन का सिलसिला शुरू होने के साथ ही चुनाव-प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी गली-मोहल्लों में निकल आए हैं। रात और दिन चुनाव प्रचार में लगे कार्यकर्ताओं व चुनाव कार्यालय पर आने वाले लोगों के खानपान का इंतजाम भी उम्मीदवारों ने कर रखा है। सुबह से आधी रात तक चाय-कॉफी, नाश्ता सहित भोजन भी दिया जा रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग ने चाय-नाश्ता सहित भोजन की दर भी निर्धारित कर दी हैं। उम्मीदवार खाने की व्यवस्था पर 28 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है। चुनाव में होने वाले बेहिसाब खर्च पर अंकुश लगाने के लिए चुनाव आयोग उम्मीदवार के हर खर्च पर निगरानी भी बढ़ा दी है।
खाने के पैकेट की बजाए लग रहे स्टॉल
चुनाव के दौरान पहले भी उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों द्वारा कार्यकर्ताओं को चाय-नाश्ता सहित खाने के पैकेट दिए जाते थे। पैकेट में सूखी सब्जी, आचार व पूड़ी के साथ पेठा या वर्फी का एक टुकड़ा होता था, लेकिन अब ट्रेंड बदल गया है। उम्मीदवारों ने चुनाव कार्यालय में हलवाई के साथ केटरिंग की व्यवस्था कर रखी है। सुबह के समय चाय-नाश्ता और दिन व रात में खाने के काउंटर सजा दिए जाते हैं। अब पूड़ी-सब्जी के अलावा दाल-रोटी, चावल व मौसमी सब्जियां भी पोरसी जा रही हैं।
कार्यकर्ताओं की मेहमान नवाजी
एक उम्मीदवार के दफ्तर में आधा दर्जन युवक पानी, चाय के अलावा लड्डू व बेसन की वर्फी ट्रे में लेकर कार्यकर्ताओं के बीच घूम रहे हैं। हर आगन्तुक को पानी पिलाने के साथ मुंह भी मीठा करा रहे हैं। प्रतिदिन कितने लोगों का खाना बन रहा है, यहा बताने से हलवाई तक कतरा रहा है। उनका कहना है जो है आपके सामने है। ऐसे में कार्यकर्ताओं की संख्या हर दिन 800 से अधिक लोगों का खाना बनने का इशारा कर रही थी।
चाय-कॉफी बेहिसाब, प्लेटों की भी गिनती नहीं
उम्मीदवारों के चुनाव कार्यालयों पर बेहिसाब चाय-कॉफी बांटी जा रही है। खाने की प्लेटों की कोई गिनती नहीं है। हालांकि उम्मीदवारों का कहना है कि उनके लोग खाने का पूरा हिसाब रख रहे हैं। आयोग के सामने चाय-नाश्ते के खर्च का हिसाब दिया जाएगा। हालांकि जिला निर्वाचन शाखा का दावा है कि प्लेटों की गिनती की जा रही है। आयोग के अधिकारी व कर्मचारी सुबह-शाम चुनाव कार्यालयों के चक्कर भी लगा रहे हैं।
तीन श्रेणियों में खाना, चाय-नाश्ता अलग
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