फराज शेख, भोपाल
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में कथित जहरीली शराब पीने से बुधवार को 11 लोगों की मौत हो गई। वहीं राजधानी की पुलिस इस हादसे के बाद भी सबग लेने को तैयार नहीं है। भोपाल के बैरसिया रोड पर खुलेआम पाउचनुमा पैकिंग में 10-20 रूपए में शराब के नाम पर मौत का सामान बेचा जा रहा है। खास बात यह है कि नकली शराब की बिक्री महिलाओं और नाबालिग बच्चियों से खुलेआम हाईवे पर कराई जाती है। कार्रवाई के नाम पर पुलिस महिलाओं और बच्चों का हवाला देकर हाथ खड़े कर देती है।जानकारी के अनुसार बैरसिया थाना क्षेत्र के तरावली,करारिया,हिरणखेड़ी,बसयी घांटी और कीटखेड़ी में मेन रोड पर पाउच में पैक नकली शराब बेची जाती है। जबकि गुनगा के धमर्रा और रतुआ में इस नकली शराब का निर्माण कर मेन रोड पर बेचने का काम किया जाता है। वहीं नजीराबाद थाना इलाके के रुनाहा,परसोरा,सूरजपुरा और करणपुरा में भी खुलेआम नकली शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है। तीनों थानों की पुलिस को इस काले कारोबार की पूरी जानकारी होने के बाद भी इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई न करना पुलिस की कर्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है। उल्लेखनीय है कि इस शराब को बनाने की दर्जनों भट्टियां भी इन्हीं गांवों में जमीन के अंदर ड्रम गाड़कर बनाई गई हैं। शराब तस्करों का खौफ पुलिस पर इस कदर हावी है कि इनके गांव में घुसने की हिम्मत तक आबकारी विभाग व संबंधित थानों के अधिकारी कर्मचारी नहीं जुटा पाते।
ऐसे तैयार होती है फर्जी शराब
सूत्रों की माने तो नकली शराब को तैयार करने के लिए सड़े हुए गुड़,फ्रूट का कचरा,सड़ा गेहूं और घटिया पानी का इस्तमाल किया जाता है। इतना नहीं इस नकली शराब का कलर साफ करने के लिए यूरिया मिलाया जाता है। जिसके बाद में इन्हें पाउच में भरकर गांव की महिलाओं तथा बच्चियों से बिकवाने का काम किया जाता है।
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