नई दिल्ली. फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस को रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से 24,700 करोड़ रुपये में खरीदे जाने की डील को खत्म कराने के लिए अमेजॉन पूरी कोशिश में जुटा है. इसी के तहत कंपनी ने लॉ फर्म AZB पार्टनर्स को हायर किया है ताकि फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ सिंगापुर स्थित इंटरनेशनल आब्रिट्रेशन सेंटर में केस किया जा सके. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने Live Mint को बताया कि 2019 में जब अमेजॉन ने फ्यूचर ग्रुप में निवेश किया था तो उसमें यह अग्रीमेंट भी था कि डील का पहला हक उसे होगा और जिसके पास राइट टू फर्स्ट रिफ्यूज का अधिकार होगा. सूत्रों ने बताया कि अमेजॉन ने इस केस में रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी जिक्र किया है.
सूत्र ने कहा कि अमेजॉन और फ्यूचर की डील में यह पूर्व शर्त रखी गई थी कि भविष्य में वह किसी अन्य बड़े प्लेयर के साथ मिलकर रिटेल सेक्टर में नहीं आएगा. ऐसे में रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ डील करने को अमेजॉन ने करार का उल्लंघन माना है और कानूनी ऐक्शन लेने की बात कही है. जानकारों का कहना है कि यदि सिंगापुर के इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर की ओर से अमेजॉन को यह मंजूरी दी जाती है कि वह करार के उल्लंघन पर फ्यूचर ग्रुप से हर्जाना ले, तब भी रिलायंस के साथ किशोर बियानी की डील में देरी होगी.
अमेजॉन की ओर से डील को लीगल चैलेंज से साफ है कि आने वाले दिनों में रिटेल सेक्टर में रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसका घमासान देखने को मिलेगा। फिजिकल स्टोर्स के अलावा अब ऑनलाइन रिटेल में भी जियो मार्ट के जरिए रिलायंस ने एंट्री की है और माना जा रहा है कि उसका सीधा मुकाबला अमेजॉन से होगा. बीते एक महीने के अंतराल में ही रिलाय़ंस इंडस्ट्रीज की रिटेल यूनिट रिलायंस रिटेल को 7 निवेशकों से 37,710 करोड़ रुपये का बड़ा इन्वेस्टमेंट मिला है.
बेजोस ने किया है 1 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान- रिलायंस जियो में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के बाद मुकेश अंबानी की नजर अब रिटेल बिजनेस पर है. इसी रणनीति के तहत उन्होंने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल कारोबार का अधिग्रहण किया है. इस डील के तहत बिग बाजार, फैशन ऐट बिग बाजार समेत फ्यूचर ग्रुप के कई स्थापित ब्रांड रिलायंस की झोली में आ जाएंगे. दूसरी तरफ इसी साल अमेजॉन के मुखिया और दुनिया के सबसे अमीर शख्स जेफ बेजोस ने भारत में ऑनलाइन बिजनेस में 1 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया था.
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