भोपाल। चीन के समुद्र में बन रहे चक्रवात कमजोर पड़कर बंगाल की खाड़ी में पहुंच रहे है। खाड़ी में तापमान अपेक्षाकृत ज्यादा रहने से चक्रवात ऊर्जा पाकर कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो रहे हैं। इससे पूर्वी मप्र में वर्तमान में रुक-रुक कर बरसात का सिलसिला जारी है। बुधवार से बारिश का दौर दक्षिणी मप्र में भी शुरू होने की संभावना है। बारिश का सिलसिला जारी रहने से मानसून की विदाई टल गई है। गौरतलब है कि अमूमन अक्टूबर के मध्य में मानसून विदा हो जाता है।
मौसम के बदले मिजाज से मौसम विज्ञानी भी हतप्रभ हैं। उनका कहना है कि अक्टूबर माह में अभी तक तीन कम दवाब के क्षेत्र बन चुके हैं। इनमें से एक अभी सक्रिय है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून सीजन में चीन के समुद्र में चक्रवात बनते हैं। वे आगे बढ़कर कमजोर पड़ते हुए बंगाल की खाड़ी में पहुंचते हैं। नमी मिलने के कारण शक्तिशाली होकर कम दबाव या गहरे कम दबाव के क्षेत्र में बदलकर आगे बढ़ते हैं। इससे पूरे प्रदेश में अच्छी बरसात होती है। इस बार जुलाई में चीन के समुद्र में एक भी चक्रवात नहीं बना था। इस वजह से मप्र में जुलाई में मानसून ब्रेक की स्थिति बन गई थी। उधर वर्तमान में चीन के समुद्र में एक के बाद एक चक्रवात बन रहे हैं। बंगाल की खाड़ी पहुंचने के बाद उन्हें ऊर्जा मिल रही है। वर्तमान में एक अवदाब का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में मौजूद है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी उदय सरवटे ने बताया कि 17 अक्टूबर को भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बनने की संभावना है। इस सिस्टम के कम दवाब के क्षेत्र में परिवर्तित होकर आगे बढऩे से प्रदेश में 22-23 अक्टूबर को बारिश के आसार बनेंगे।
आज भोपाल संभाग में आज से बरसात के आसार
बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के कारण दक्षिणी मप्र में भी बरसात का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी उदय सरवटे ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना गहरा अवदाब का क्षेत्र तेलंगाना के खम्मम के पास पहुंचकर अवदाब में तब्दील हो गया है। इस सिस्टम के बुधवार को गहरा कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर पश्चिम,उत्तर-पश्चिम की दिशा में आगे बढऩे की संभावना है। इससे दो-तीन दिन तक दक्षिणी मप्र में बरसात होगी। विशेषकर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, होशंगाबाद संभाग में कई स्थानों पर बुधवार से लेकर शुक्रवार तक बारिश होने की संभावना है।
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