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    बसपा का दम-ग्वालियर-चंबल की 10 सीटें जीतेंगे हम

  • October 14, 2020

    भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में इस बार बीएसपी भी पूरे दमखम से उतर रही है। उसकी मौजूदगी भाजपा और कांग्रेस के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है। ग्वालियर-चंबल की जिन 16 सीटों पर चुनाव हो रहा है उनमें से भिंड-मुरैना में बसपा का अच्छा खासा असर है। वो इन दोनों बड़े दलों कांग्रेस और बीजेपी के वोट काटेगी। ग्वालियर चंबल में अच्छा खासा जनाधार रखने वाली बसपा 2018 के चुनाव में भले ही सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी। लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में नतीजों को प्रभावित करने में बसपा निर्णायक भूमिका में रही थी। अब उपचुनाव में एक बार फिर से बसपा जीत की आस के साथ मैदान में उतर रही है। बसपा के मैदान में हुंकार भरने से नतीजों के एक बार फिर से प्रभावित होने के पूरे आसार हैं।

    15 सीटों पर मिले थे निर्णायक वोट
    ग्वालियर चंबल संभाग के तहत आने वाली सीटों पर बसपा को अच्छे खासे वोट मिलते रहे हैं। पिछले चुनाव में 15 सीटों पर बसपा को निर्णायक वोट मिले थे। इनमें से 2 सीटों पर बसपा प्रदेश में दूसरे नंबर पर रही थी। जबकि 13 सीटें ऐसी थीं, जहां बसपा प्रत्याशियों को 15 हज़ार से लेकर 40 हजार तक वोट मिले थे। ग्वालियर चंबल की जिन सीटों पर होने वाले हैं,उनमें मेहगांव जोरा,सुमावली, मुरैना, दिमनी,अंबाह, भांडेर, करेरा और अशोक नगर सीट पर अलग अलग समय में बसपा जीत हासिल कर चुकी है।

    बसपा की मौजूदगी करेगी प्रभावित
    2018 के विधानसभा चुनाव में गोहद, डबरा और पोहरी में बसपा दूसरे नंबर पर रही है।जबकि ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और मुंगावली में बसपा की मौजूदगी नतीजों को प्रभावित करने वाली साबित हुई थी। मुरैना में बीजेपी की हार में बसपा की मौजूदगी सबसे बड़ा कारण रहा था। इसके साथ ही पोहरी,जौरा, अंबाह में बसपा के कारण भाजपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी। बसपा ने भले ही 2018 के चुनाव में नतीजों को प्रभावित किया हो लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां उपचुनाव में बसपा की 28 सीटों पर जीत की बात को मुंगेरी लाल के हसीन सपने बता रही हैं। इन दोनों दलों का कहना है कि एमपी में केवल दो दल भाजपा और कांग्रेस के बीच ही असली मुकाबला है। बसपा के उम्मीदवार खड़े होने से जीत पर कोई असर नहीं पडऩे वाला।

    2008 की जीत दोहराने की तैयारी
    एमपी में होने जा रहे उपचुनाव में बसपा को 10 सीटों पर जीत की उम्मीद है। मुरैना, अंबाह, मेहगांव, सुमावली, ग्वालियर शहर, ग्वालियर पूर्व, गोहद, डबरा,भांडेर,करेरा, बमोरी, अशोकनगर और मुंगावली सीटों पर बसपा को लगता है कि इस बार उसका झंडा फहराएगा। 2018 के चुनाव में वोट प्रतिशत खिसकने के बाद भी बसपा को उम्मीद है कि अब ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर उसका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। वो 2008 की जीत दोहराने की तैयारी में जुटी है। 2008 में बसपा को 7 सीटों पर सफलता मिली थी। 2008 में बसपा का वोट प्रतिशत भी बढ़कर 9 प्रतिशत हुआ था। मुरैना जोरा सहित दो अन्य सीटों पर बसपा का वोट प्रतिशत 30 फीसदी था। बसपा अब अपने उसी वोट बैंक के सहारे उपचुनाव में जीत की बांट जोह रही है।

    स्पष्टीकरण
    कल मंगलवार को अग्निबाण भोपाल के पेज नम्बर 2 पर प्रकाशित साप्ताहिक कॉलम सुनी सुनाई में इंदौर के एक रिटायर जज एनके जैन का उल्लेख है। यह नरेन्द्र कुमार जैन जैन इंदौर जिला न्यायालय में अतिरिक्त जिला जज रहे हैं और वर्तमान में स्टेट बार काउंसिल के सदस्य हैं। इस कॉलम में छपी खबर का जस्टिस निर्मल कुमार जैन से कोई संबंध नहीं है। यह संयोग है कि दोनों का नाम एनके जैन है और दोनों इदौर से रिटायर हुए हैं।

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