– योगेश कुमार सोनी
रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार कौशल विकास योजना के तीसरे चरण को लागू की तैयारी कर रही है। नवंबर के पहले सप्ताह में इसको लागू कर दिया जाएगा। केन्द्र सरकार इससे पहले इसको दो चरणों में लागू करके परिणाम दे चुकी है, इससे छोटे-बड़े स्तर पर लोगों को रोजगार मिल चुका है। सरकार ने अगामी पांच महीने में आठ लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से संबंधित विभाग के अधिकारियों को जल्दी योजना को लागू कर युवाओं को सभी क्षेत्रों में कोर्स करवा रोजगार देने के आदेश दिए गए हैं।
बताया जा रहा है कि समय अभाव के चलते कौशल परिषद् को भी एक्टिव कर दिया जिससे प्रोग्राम की प्रारंभिकता से तेजी से कार्य शुरू हो जाए। अगले सप्ताह में ही सभी दिशा-निर्देश तैयार हो जाएंगे। कौशल विकास के तीसरे चरण को इस वर्ष जुलाई महीने में ही शुरू करना था लेकिन कोरोना की वजह से स्थगित हो गया। कोरोना की वजह से अन्य तमाम योजनाओं में भी देरी हो रही हैं लेकिन इस योजना से प्रशिक्षण के बाद तुरंत लाखों लोगों को रोजगार मिलता है तो सरकार ने इसको प्राथमिकता दी है। देश अनलॉक हो रहा है, जिस वजह से प्रवासी कामगारों का अपने स्थानों पर लगातार लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। इस वजह से कौशल विभाग गंभीरता के साथ कामगारों के लिए संचालन प्रक्रिया पर काम करने लग गया था।
बीते दिनों मंत्रालय ने ‘असीम’ नामक पोर्टल को लांच किया जिससे बड़े स्तर पर फायदा मिला। संवाद में पारदर्शिता के साथ इस पोर्टल पर उद्योगों और प्रशिक्षित मजदूरों को काम मिला। सरकार हर व्यवसाय को खोलने में लगी है जिससे बड़ी संख्या में कामगारों को काम मिल रहा है। कौशल विकास के तीसरे चरण में जिला स्तर पर भी काम होगा। जिला कौशल परिषद् को स्थानीय स्तर पर संचालित करते हुए रोजगार के मुताबिक प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार होगा, जिससे प्रशिक्षित युवाओं को अपने क्षेत्र में ही रोजगार मिल सके। इस योजना का दूसरा चरण लगभग साढ़े चार साल चला, जिसमें पूरे देशभर से करीब एक करोड़ युवाओं को रोजगार मिला था, इसमें महिलाओं की संख्या भी बराबर थी।
प्रशिक्षण के बाद तमाम लोगों के जीवन में बदलाव आए, इन परिवारों के जीवन की खुशियां आई। यह किसी भी सरकार का फर्ज होता है कि गरीब व मध्यम तबके के लिए इस तरह की नीतियों पर काम करती रहे जिससे इन वर्ग के लोगों के जीवन निर्वाह पर किसी प्रकार का कोई संकट न आए। मोदी सरकार की यह अहम योजनाओं में एक है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है। कौशल विकास योजना की वजह से समाज में कम पढ़े-लिखे लोगों को काम के साथ सम्मान मिला है। पूरी दुनिया में कम शिक्षित लोगों को कहीं भी बेहतर नौकरी नहीं मिलती। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं उनका पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता या वह गरीबी या जिम्मेदारी की वजह से नहीं पढ़ पाते हैं। आज के दौर में तो अशिक्षित होना अभिशाप समझा जाने लगा। यह बात स्वभाविक भी है कि जबतक आप पढ़े-लिखे नहीं हो तो किसी भी कोर्स में दाखिला नहीं मिलता। लेकिन यदि आपने कभी गौर किया हो तो कुछ किताबी शिक्षा में होशियार नहीं होते लेकिन उनका दिमाग अन्य क्षेत्रों में बहुत तेज होता है। ऐसे बच्चे भी आगे चलकर जिंदगी में इसलिए विफल हो जाते थे चूंकि उनके पास अपनी मंजिल पाने का माध्यम नहीं होता था। अब कौशल विकास योजना ने हमारे देश में इस चलन को तोड़ दिया है। गरीबी या लाचारी इस बात का बहाना नहीं बन सकती कि आप अपनी मंजिल पर नहीं पहुंच सकते। इस योजना से आज युवा बेहतर तनख्वाह पा रहे हैं। अशिक्षित व कम शिक्षित लोगों को बेहद कम पैसा मिलता था लेकिन अब इस योजना के आधार पर ऐसे युवा शिक्षित लोगों की तरह सैलरी ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना मंत्रालय के अलावा सरकार ने स्किल इंडिया में आने वाले नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन, स्किल लोन स्कीम, नेशनल पॉलिसी फॉर स्किल डवलपमेंट और आंत्रप्रेन्योरशिप के तहत साल 2022 तक कुल चालीस करोड़ लोगों को कुशल बनाने का लक्ष्य रखा है। कोरोना की वजह से इस बड़े लक्ष्य को पूरा करने में एक-दो वर्ष अतिरिक्त लग सकते हैं। चूंकि बीते दिनों दुनिया के हर देश की अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ गई। हमारे देश की जीडीपी को भी झटका लगा जिसपर विपक्ष व कुछ लोगों ने ऐसे तंज कसा था कि मानो यह सिर्फ भारत में ही हुआ हो।
बहरहाल, कौशल विकास योजना के तीसरे चरण का देश के युवाओं को बेसब्री से इंतजार है। सरकार अपनी ओर से इसको जल्द अंजाम देने का भरसक प्रयास कर रही है। इस योजना के जरिये देश के लाखों युवाओं को एकबार फिर अपना भविष्य बनाने का मौका मिलेगा।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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