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14 अक्टूबर से बुध की उल्टी चाल से 4 राशि वाले रहें सावधान, धन-कारोबार पर संकट, जानिए सब राशियों पर प्रभाव

October 12, 2020

व्यापार, बुद्धि और वाणी का कारक कहे जाने वाला बुध ग्रह 14 अक्टूबर 2020 को वक्री होने जा रहा है। बुध तुला राशि में वक्री होगा। ज्योतिषविद इसे बेहद महत्वपूर्ण घटना मान रहे हैं। 03 नवंबर 2020 तक बुध की उल्टी चाल रहेगी। वक्री बुध का सभी राशियों पर अच्छा बुरा प्रभाव पड़ने वाला है। ज्योतिषविदों के मुताबिक, वक्री बुध से मेष, वृषभ, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।

मेष- इस गोचर के दौरान वक्री अवस्था में बुध आपके सप्तम भाव में गोचर करेगा। आपके शादीशुदा जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव लेकर आ रहा है। पार्टनरशिप के बिजनेस में विवाद बढ़ सकते हैं.।यदि आप शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं तो, अभी शादी की तारीख को बुध के मार्गी होने तक टाल दें अन्यथा परेशानी हो सकती है। कार्यस्थल पर हर प्रकार के विवाद और झगड़े से बचकर रहना ही आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प रहेगा।

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वृषभ-बुध वक्री अवस्था में आपके षष्टम भाव में प्रवेश करेगा। ज्योतिष में इस भाव को शत्रु भाव कहा जाता है। इस भाव से विरोधियों, रोग, पीड़ा, जॉब, कम्पीटीशन, रोग प्रतिरोधक क्षमता, शादी-विवाह में अलगाव एवं कानूनी विवादों को देखा जाता है। बुध का ये वक्री गोचर आपके लिए अच्छे संकेत नहीं दे रहा है। कार्यक्षेत्र से लेकर अपनी हर योजना को नियमित रूप से व्यवस्थित करने की जरूरत होगी, तभी आप सफलता पूर्वक किसी भी कार्य को समय पर पूरा कर सकेंगे।

मिथुन- वक्री बुध गति से आपके पंचम भाव में प्रवेश करेगा। इस भाव से रोमांस, संतान, रचनात्मकता, बौद्धिक क्षमता, शिक्षा एवं नए अवसरों को देखा जाता है। आपको जरूरत है- हर चुनौती के लिए खुद को तैयार रखने और प्रतिभाओं को समय रहते निखारने की। पारिवारिक जीवन में मां को आपके चलते कोई लाभ मिल सकता है। इस दौरान आप में आत्मविश्वास और रचनात्मक क्षमता की बढ़ोतरी साफ दिखाई देगी। शादीशुदा जातकों की बात करें तो उनके जीवन में इस समय कोई पूर्व का प्यार लौट सकता है।

कर्क- बुध आपके चतुर्थ भाव में संचरण करेगा। कुंडली के चौथे भाव को सुख भाव कहा जाता है। इस भाव से माता, जीवन में मिलने वाले सभी प्रकार के सुख, चल-अचल संपत्ति, लोकप्रियता एवं भावनाओं को देखा जाता है। वक्री बुध के गोचर के दौरान, आप अपनी सारी ऊर्जा घर की मरम्मत और साज-सज्जा पर लगाते दिखाई देंगे। सजावट पर भी खुलकर खर्च करते दिखाई देंगे। हालांकि ऐसे में आपको अपने खर्चों पर ध्यान देने की जरूरत होगी अन्यथा जरूरत से ज्यादा धन खर्च करने से आर्थिक तंगी हो सकती है।

सिंह- वक्री बुध आपके तृतीय भाव में प्रवेश करेगा। कुंडली में तीसरे घर को सहज भाव कहा जाता है। इस भाव से व्यक्ति के साहस, इच्छा शक्ति, छोटे भाई-बहनों, जिज्ञासा, जुनून, ऊर्जा, जोश और उत्साह को देखा जाता है। वक्री बुध आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। भाई-बहनों के साथ समय बिताएंगे। रिश्तों में आ रही दूरियां खत्म होगी। हालांकि कार्यक्षेत्र पर आपको अधिक मेहनत कराने का कार्य करेगी। तभी जाकर आपको अपनी इच्छा अनुसार बेहतर फलों की प्राप्ति होगी।

कन्या- बुध आपकी राशि के द्वितीय भाव में प्रवेश करेगा। ज्योतिष में दूसरे भाव से व्यक्ति के परिवार, उसकी वाणी, प्रारंभिक शिक्षा एवं धन आदि का विचार किया जाता है। वक्री बुध के इस गोचर के दौरान आपको मिश्रित फलों की प्राप्ति होगी। आर्थिक रूप से अपने धन को संचय करने में सफल होंगे, लेकिन खर्चों पर लगाम कसनी होगी। यदि आप कोई नया निवेश करना या नया व्यापार खोलना चाह रहे हैं तो उसके लिए समय बेहद अच्छा है। आप इससे धन लाभ करने में सफल होंगे।

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तुल- वक्री बुध का गोचर, आपके प्रथम भाव में होगा। इसे लग्न भाव भी कहते हैं। प्रथम भाव को हमारे व्यक्तित्व का आइना बताया गया है। आपके लग्न में वक्री बुध का गोचर, आपके लिए बेहद शुभ साबित होगा। आपको भाग्य का साथ मिलेगा, जिससे आप अपने कार्य की हर बारीकी को समझते हुए ही उस कार्य को करेंगे। इससे आपको कार्यस्थल पर भरपूर सफलता भी मिलेगी। नवम भाव के चलते आपको किसी बड़े खासतौर से पिता या पिता तुल्य व्यक्ति की सलाह मिलती रहेगी जो आपको निर्णय लेने में मदद करेगी।

वृश्चिक- बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि से द्वादश भाव में होगा। बुध ग्रह आपके लिए अष्टम तथा एकादश भाव का स्वामी है। ज्योतिष में द्वादश भाव व्यय भाव कहलाता है। इस भाव से खर्चे, हानि, मोक्ष, विदेश यात्रा आदि को देखा जाता है। ऐसे में इस गोचर के दौरान वक्री बुध आपको प्रतिकूल फल देगा। इस दौरान आपको, कुछ सेहत संबंधित समस्याएं या अभूतपूर्व विपरीत परिस्थितियों से गुजरना पड़ सकता है। जिसके चलते आपको अपना अच्छा खासा धन भी खर्च करना पड़ सकता है आपको कई यात्राएं करने का मौका भी मिलेगा। हालांकि अभी इन यात्राओं से बचना ही आपके लिए बेहतर रहेगा।

धनु- वक्री बुध आपकी राशि के लिए सप्तम और दशम भाव का स्वामी ग्रह है। इस भाव से आय, जीवन में प्राप्त होने वाली सभी प्रकार की उपलब्धियां, मित्र, बड़े भाई-बहनों आदि को देखा जाता है। बुध का ये वक्री गोचर, आपके लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होने वाला है। इस दौरान आपको, अपनी कमज़ोर पड़ी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के कई अवसर प्राप्त होंगे। इससे आपको धन लाभ होने के साथ-साथ सामाजिक सम्मान भी मिल सकेगा। यदि आप नौकरी बदलने का सोच रहे थे तो आपको इस दौरान स्थानांतरण करने के भी कई अच्छे मौके मिलेंगे।

मकर- बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होगा। ज्योतिष में दशम भाव, करियर और प्रोफेशनल, पिता की स्थिति, रुतबा, राजनीति एवं जीवन के लक्ष्यों की व्याख्या करता है। इसे कर्म भाव भी कहा जाता है। बुध का ये गोचर, मकर राशि के जातकों के लिए विशेष भाग्यशाली रहने वाला है। यह वो समय होगा जब आपको अपनी पूर्व की मेहनत अनुसार ही फल मिलेंगे। इस दौरान आपके लंबे समय से रुक कार्य भी पूरे होंगे। अचानक वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र पर सहकर्मियों का भरपूर साथ मिलेगा।

कुंभ- बुध ग्रह वक्री अवस्था में आपकी राशि के नवम भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में नवम भाव को भाग्य भाव कहते हैं। इस भाव से व्यक्ति के भाग्य, गुरु, धर्म, यात्रा, तीर्थ स्थल, सिद्धांतों का विचार किया जाता है। इस गोचर से बेहद शुभ फलों की प्राप्ति होगी। आपको तरक्की व उन्नति के कई सुन्दर अवसर मिलेंगे। आर्थिक लाभ व कोई उपहार भी प्राप्त हो सकते हैं। आपका मन इस गोचर के समय रहस्यमय विषयों जैसे: ज्योतिष विज्ञान, गुप्त विषयों, आदि की पढ़ाई में, अधिक लगेगा।

मीन- वक्री बुध गोचर के दौरान आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेगा। कुंडली के अष्टम भाव को आयुर्भाव कहा जाता है। इस भाव से जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव, अचानक से होने वाली घटनाएं, आयु, रहस्य, शोध आदि को देखा जाता है। इसलिए मीन राशि के जातकों को वक्री बुध से कम अच्छे फलों की प्राप्ति होगी। माता को सेहत संबंधित कष्ट प्रदान करेगा, जो आपके मानसिक तनाव की बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण होगा। वैवाहिक जीवन में भी ये गोचर बहुत से उतार-चढ़ाव लेकर आ रहा है। यदि आप पार्टनरशिप में बिजनेस करते हैं तो आपके लिए ये समय अच्छा नहीं दिखाई दे रहा। धन के मामले में सतर्क रहने की जरूरत होगी।

 

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