नई दिल्ली। देश के आठ समुद्री किनारों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन दिया गया है। इन तटों को स्वच्छता और पर्यावरण अनुकूलता के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है। इनमें गुजरात से शिवराजपुर, केरल से कप्पड, ओडिशा से गोल्डेन, अंडमान से राधानगर, दीव से घोघला, आंध्रप्रदेश से रुशीकोंदा, कर्नाटक से कासरकोड और पदुबीद्री शामिल है।
भारत दुनिया के उन 50 देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास ब्लू फ्लैग दर्जे वाले स्वच्छ समुद्री तट मौजूद हैं। साथ ही भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ‘इंटरनेशनल बेस्ट प्रैक्टिस’ के तहत तीसरे पुरस्कार के लिए भी चुना गया है।
केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि यह भारत के लिए गर्व की बात है। देश के आठ समुद्री किनारों को अब विश्व में पहचान बनाई है। लोगों की सहायता से ही इन सभी बीच को साफ सुथरा रखा जा सका है। उन्होंने कई ट्वीट करते हुए कहा, यह दर्जा भारत के संरक्षण और सतत विकास प्रयासों को एकतरह से वैश्विक मान्यता मिलना है। उन्होंने भारत को दावा किया कि भारत एशिया-पैसेफिक क्षेत्र में महज 2 साल के अंदर ब्लू फ्लैग दर्जा हासिल करने वाला पहला देश भी बन गया है।
एशिया का महज चौथा देश बना भारत
भारत ब्लू फ्लैग दर्जे वाले समुद्री तटों वाला एशिया का महज चौथा देश बन गया है। एशिया में अब तक महज जापान, दक्षिण कोरिया और UAE के तट ही इस सूची में मौजूद थे, लेकिन इन देशों को यह दर्जा पाने में 5 से 6 साल का समय लगा था।
इस समय ब्लू फ्लैग सूची में स्पेन पास दुनिया में सबसे ज्यादा 566 समुद्र तट हैं, जबकि ग्रीस के 515 और फ्रांस के 395 तटों को यह दर्जा मिला हुआ है।
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