भोपाल। कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी के नाम पर प्रदेश के किसानों से झूठ बोला, धोखा किया। कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के 52 सौ करोड़ रुपये भी पूरे नहीं चुकाए, उसका भी आधा भार बैंकों पर डाल दिया। झूठे प्रमाण पत्र बांट दिए लेकिन बैंकों को पैसा नहीं दिया। उनसे कई गुना ज्यादा 17500 करोड़ रुपेये तो हमारी सरकार पिछले 6 महीनों में ही अलग-अलग मदों से किसानों पर खर्च कर चुकी है। अभी सोयाबीन के नुकसान के 4000 करोड रुपए उनके खातों में और डाले जाएंगे। अब आप ही फैसला करें कि कौन सी सरकार अच्छी है। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को सांवेर विधानसभा के निपानिया, मां नर्मदा, नेपानगर विधानसभा के धूलकोट एवं मांधाता विधानसभा के बूंदी में आयोजित मंडल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
कांग्रेस सरकार ने नहीं की किसानों की फिक्र
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 23 मार्च को हमारी सरकार बनी तब पता चला कि कमलनाथ सरकार ने फसल बीमा की प्रीमियम के 22ः00 सौ करोड़ रुपए नहीं भरे। हमने प्रीमियम भरी, जिसके बाद किसानों को 3100 करोड़ की राशि मिली। हमने वर्ष 2019 के रबी और खरीफ सीजन के बीमे के 4688 करोड रुपए 22 लाख किसानों के खाते में डलवाए। कमलनाथ सरकार ने 0 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज की योजना बंद कर दी थी, हमने 800 करोड़ रुपए उसके भरे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 5340 करोड रुपए किसानों के खाते में डलवाए। इससे भी संतोष नहीं हुआ तो हमने 4000 रुपये प्रदेश सरकार की ओर से किसान सम्मान निधि में देने का निर्णय लिया और 3564 करोड रुपए किसानों के खाते में डालेंगे। इस तरह बीते 6 महीनों में हमारी सरकार 17500 करोड़ रुपये किसानों के लिए दे चुकी है। इसके अलावा कमलनाथ सरकार के समय सोयाबीन की फसल खराब हुई थी, जिसकी राहत राशि उन्होंने अभी तक नहीं दी। इसके भी 4000 करोड रुपए हम किसानों के खाते में डालेंगे। इसे मिलाकर हमारी सरकार अब तक किसानों पर 21640 करोड रुपए खर्च कर चुकी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि सरकार-सरकार का यह फर्क आम लोगों को समझाएं।
हम बहाने नहीं बनाते, काम करते हैं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन्हें काम नहीं करना होता, वह कई तरह के बहाने बनाते हैं और जिन्हें काम करना है वह रास्ते निकाल लेते हैं। कमलनाथ सरकार पूरे समय पैसे की कमी का रोना रोती रही, लेकिन हमने कोरोना संकट में भी इसके लिए व्यवस्था की। श्री चौहान ने कहा कि कार्यकर्ता लोगों को बताएं कि अगर भाजपा की सरकार नहीं होती तो क्या कांग्रेस की सरकार 1.29 लाख टन गेहूं खरीदी कर सकती थी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है फिर भी हमने 22 सौ करोड रुपए तो सिर्फ सांवेर क्षेत्र में नर्मदा जल परियोजना के लिए दे दिए। उन्होंने कहा कि आज ही मैं 1359 करोड़ रुपए लागत की उन सड़कों का लोकार्पण करके आ रहा हूं जो कोरोना काल में बनाई गई थी। यह सही बात है कि दिक्कत है, लेकिन हमने उसके बीच से रास्ता निकाला। श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में भी हमने गरीबों, मजदूरों के खाते में पैसे डाले। 178000 हितग्राहियों के खातों में सामाजिक सुरक्षा के पैसे डाले। 14 सौ करोड़ रुपए पेंशन के डाले और 1.70 लाख स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 10-10 हजार रुपये का बिना ब्याज का लोन दिलाया। हर एक व्यक्ति को भोजन मिले इसके लिए मुफ्त अनाज की योजना तो चल ही रही है, हमने सस्ते अनाज के लिए भी 37 लाख पात्रता पर्चियां और बांटी। बच्चों की फीस, संबल योजना, कन्यादान योजना, लाडली लक्ष्मी योजना जैसी कितनी ही योजनाएं हैं जिनके लिए हमने पैसा देना शुरू किया। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखें तो अब तक हमारी सरकार अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत 61000 करोड रूपए लोगों के खाते में डाल चुकी है।
श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे लोग गद्दारी की बात करते हैं। यह वही लोग हैं जिन्होंने वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था। मंत्री विधायकों की वहां कोई कद्र नहीं थी, लेकिन ठेकेदारों के लिए दरवाजे खुले रहते थे। टेंडर मैनेज होते थे। पैसा दो और टेंडर लो। पूरे समय दलाल घूमते रहते थे जो पूछते थे कि क्या काम है। प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर था। जिन्होंने कमलनाथ को समझाया उन्हें ही सड़क पर उतरने की चुनौती दे डाली। आखिरकार सरकार सड़क पर आ गई। जब कमलनाथ सरकार प्रदेश को बर्बाद करने लगी तब सिंधिया जी और उनके साथियों ने सरकार को गिराया और प्रदेश को बचा लिया।
एक तरफ गिद्ध दृष्टि वाले, दूसरी तरफ मोदी जी जैसे नेता
श्री चौहान ने कहा कि इस चुनाव में एक तरफ वह लोग हैं जो गिद्ध दृष्टि डाले बैठे हैं कि कब सरकार बनाने का मौका मिले। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री श्री मोदी जी, अमित शाह जी और नड्डा जी जैसे हमारे नेता हैं जिनके नेतृत्व में देश आज स्वाभिमान के साथ खड़ा है और कोई भी देश उसकी तरफ आंख उठाने की हिम्मत नहीं करता। श्री चौहान ने कहा कि पार्टी हमारी मां है और अब यह मां अपने बेटों से आह्वान कर रही है कि मेरे दूध की लाज रखना। उन्होंने कहा कि मैं आपको वचन देता हूं कि प्रदेश के विकास में कोई कमी नहीं रहने दूंगा। हम मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएंगे लेकिन इसके लिए सरकार का रहना जरूरी है। इसलिए 3 नवंबर तक प्रत्येक कार्यकर्ता, पेज प्रभारी, बूथ प्रभारी अपना समय पार्टी को दें और यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में पार्टी को जीत मिले।
पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि उपचुनाव में निस्वार्थ भाव से सभी कार्यकर्ताओं को काम करना है। 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनाने के लिए 5-6 सीटें कम पड़ गयी थी। इसी इंदौर संभाग से अगर वह 5-6 सीटें जीत ली होती तो उसी समय भाजपा की सरकार बन सकती थी। चुनाव में एक एक सीटें महत्वपूर्ण होती है। राजमाता जी आज भी हमारे लिए वंदनीय है। युवाओं, विद्यार्थी के लिए उन्होंने लडाई लडी। अपनी दादी मां की राह पर पोता अगर चलता है हम उसका हृदय से स्वागत करते है। श्रीमती महाजन ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को आव्हान करते हुए कहा कि इंदौर संभाग से एक एक सीट भाजपा की झोली में डालना है और यहां से प्रण लेकर जायेंगे कि पार्टी प्रत्याशी को भारी बहुमत से जितायेंगे।
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