वॉशिंगटन। कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक वीडियो संदेश जारी करके चीन को इस महामारी के लिए जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप ने कहा कि चीन ने दुनिया में जो किया है, उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण उनके लिए ‘ईश्वर का एक वरदान’ है क्योंकि इसने उन्हें इस बीमारी को ठीक करने की दवाओं के बारे में परिचित किया।
A MESSAGE FROM THE PRESIDENT! pic.twitter.com/uhLIcknAjT
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) October 7, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति ने वॉल्टर रीड हॉस्पिटल से सोमवार शाम को लौटने के बाद पहली बार वीडियो संदेश जारी किया है। ट्रंप ने अस्पताल में दिए गए इलाज की जमकर प्रशंसा की और वादा किया कि अमेरिकी नागरिकों को कोरोना की दवाएं मुफ्त में दी जाएंगी। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वॉल्टर रीड अस्पताल से वाइट हाउस आने के बाद से ही हेल्थ एक्सपर्ट्स चिंतित हैं। ट्रंप के फिजिशन डॉ. शॉन कॉनली का कहना है कि ट्रंप डिस्चार्ज किए जाने के सभी मानकों पर खरे उतरे थे।
‘बीमारी इन्फेक्शन के दूसरे हफ्ते में तेजी से बढ़ती है’
डॉक्टर कॉनली ने यह भी बताया था कि वाइट हाउस लौटने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने पहली रात आराम से गुजारी। हालांकि, फ्रंटलाइन डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोना मरीजों के मामले में अभी यह मान लेना कि वह ठीक होने लगे हैं, जल्दबाजी है। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बीमारी इन्फेक्शन के दूसरे हफ्ते में तेजी से बढ़ती है। सैन फ्रांसिस्को की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के हेड रॉबर्ट वॉकटर ने बताया कि अभी यहां से कई संभावना हैं। उन्होंने कहा कि इस वक्त ट्रंप को ICU से 50 फीट दूर रहना चाहिए, न कि हेलिकॉप्टर राइड जितना दूर।
डोनाल्ड ट्रंप के इलाज पर चिंता
एक्सपर्ट्स की चिंता का एक बड़ा कारण है ट्रंप के इलाज से जुड़ी जानकारियां। दरअसल, खुद कॉनली ने पहले बताया कि ट्रंप को ऑक्सिजन दी गई थी लेकिन बाद में ऐसा जताने की कोशिश की राष्ट्रपति की हालत इतनी भी खराब नहीं, जबकि रविवार को उन्होंने बताया था कि ट्रंप को dexamethasone दी गई थी। यह आमतौर पर ऐसे मरीजों को ही दी जाती है जिन्हें सांस लेने में समस्या हो।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved