हाथरस। हाथरस केस में एक तरफ जहां दंगे कराने की साजिश के खुलासे हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ताजा हालात को देखते हुए पीड़िता का परिवार गांव छोड़ने की बात कर रहा है। परिवार ने कहा है कि वो डर में रह रहे हैं और गांव में कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है। पीड़िता के पिता और भाई ने कहा कि वो डर में जीने को मजूबर हैं। गांव में कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है। आरोपियों के परिवार की तरफ से उन पर दबाव बनाया जा रहा है।
परिवार ने ये भी कहा कि हमारे साथ जो हादसा हुआ उसके बाद किसी ने पानी तक नहीं पूछा। हमारी मदद करने के बजाय लोग हमसे दूरी बना रहे हैं। इसलिए हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है, हम किसी रिश्तेदार के यहां चले जाएंगे। गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से रेप की घटना सामने आई थी। लड़की के साथ मारपीट भी की गई थी, जिसके बाद लंबे इलाज के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लड़की का निधन हो गया था। इसके बाद यूपी पुलिस ने रात के अंधेरे में ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया था।
इस मामले ने तूल पकड़ा तो यूपी सरकार बैकफुट पर आ गई। सियासी दलों के नेता भी हाथरस पहुंचने लगे। सभी की तरफ से योगी सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए गए। साथ ही जातीय आधार पर भी चर्चा होने लगी। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर जब पीड़ित परिवार से मिलने गांव पहुंचे थे तो उन्होंने परिवार की सुरक्षा को खतरा बताते हुए अपने साथ ले जाने की बात कही थी।
दूसरी तरफ गांव में लगातार आरोपी युवकों के समर्थन में पंचायत की जा रही हैं। सवर्ण समाज पंचायत कर रहा है। लगातार पीड़ित परिवार पर झूठ बोलने के आरोप लगाए जा रहे हैं और आरोपियों को बेकसूर बताया जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच पीड़ित परिवार की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। परिवार के सभी सदस्यों के साथ पुलिस जवान लगाए गए हैं। साथ ही घर पर सीसीटीवी भी लगा दिए गए हैं। 24 घंटे परिवार के हर सदस्य के साथ अब दो बॉडीगार्ड रहेंगे। जबकि पीड़िता के परिवार के घर के बाहर PAC के 18 जवानों तैनात कर दिए गए हैं। जबकि घर के अंदर हेड कॉन्स्टेबल के अलावा 6 अन्य गार्ड (4 पुरुष, दो महिला) रहेंगे। घर के प्रवेश द्वार पर अब 2 सब इंस्पेक्टर शिफ्ट के अनुसार तैनात रहेंगे, जो आने-जाने वाले की जानकारी रखेंगे। प्रवेश द्वार पर अब मेटल डिटेक्टर भी लगा दिया गया है। इस सुरक्षा के बावजूद परिवार ने खुद को डर में बताया है और गांव छोड़ने की बात कही है।
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