हुंडी कारोबार से विश्वास उठा… सोना-चांदी में अनिश्चितता का दौर
इन्दौर। कोरोना काल मेें व्यापार-व्यवसाय में आई तबाही ने कई लोगों की नीयत खराब कर दी। जिन पैसे वालों के सामने लोग उधार पैसों के लिए गिड़गिड़ाते और उन्हें भगवान मानते थे अब पैसे लौटाने के वक्त उन पर गुर्राने और उन्हें हैवान बताने लगे हैं। यहां तक कि आत्महत्या कर उनका नाम फंसाने और जेल की हवा खिलाने की धमकियां तक देने लगे हैं। पैसे देने वाले ऐसे लोगों को लेते वक्त साहूकार कहा जाता है, लेकिन जब पैसे वापस करने का वक्त हो तो सूदखोर कहकर उन्हें अपराधी बनाया जा रहा है। इस बदलती नीयत के चलते अब लोगों ने ब्याज पर पैसे लेने वालों से तौबा करते हुए अपनी रकम के निवेश के लिए दूसरे रास्ते खोजना शुरू कर दिए है। ऐसे में बैंकों में पैसे जमा करना जहां घटी ब्याज दरों के कारण घाटे का सौदा हो गया है, वहीं सोने-चांदी के दामों में उतार-चढ़ाव के चलते लोगों का आकर्षण पीली धातु से कम होता जा रहा है। इसलिए एक बार फिर प्रॉपर्टी कारोबार ने रफ्तार पकड़ ली है। शहर में जहां अपने घर का सपना संजोए लोगों ने छोटे प्लॉटों से लेकर फ्लैटों तक में खरीदी शुरू कर दी है, वहीं निवेशकों का रुझान भी कृषि भूमि की तरफ बढ़ा है।
पैसे लेते वक्त साहूकार… देते वक्त सूदखोर
शहर से लेकर गांव-गांव तक ब्याज पर पैसे के लेन-देन का कारोबार चलता है। यहां तक कि कई लोगों का घर ब्याज के पैसों से ही चलता है तो कई लोगों का कारोबार ब्याज की रकम से ही आगे बढ़ता है। ऐसे में पैसा लेने वाले और देने वालों के बीच विश्वास का अहम रिश्ता रहता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से पैसा लेने वाले और देने वाले दोनों के ही चरित्र बिगड़ गए हैं। पैसा देने वालों ने लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर जहां मनमाना ब्याज वसूलना शुरू कर दिया है, वहीें लेने वालों ने नीयत खराब कर हाथ ऊंचे करना शुरू कर दिए हैं। जिन लोगों को पैसा लेते वक्त यह साहूकार कहते हैं उन्हें देते वक्त सूदखोर और शैतान कहकर धमकाने लगे हैं। कुछ पुलिस में जाकर प्रकरण दर्ज करा रहे हैं तो कुछ जान देकर पैसे देने वालों को प्रताडऩा के केस में फंसा रहे हैं। ऐसे में हुंडी कारोबार करने वाले कामकाज बंद करने और निवेशक दूसरी जगह पूंजी लगाने पर न केवल विचार करने लगे हैं, बल्कि रास्ता तक खोजने में जुटे हुए हैं।
बैंकों ने ब्याज दर जमीन पर ला दी
प्रॉपर्टी में निवेश का एक सबसे बड़ा कारण यह है कि बैंकों ने अपनी जमा रकम पर ब्याज दरों में भारी कटौती कर दी है। इस कारण बैंकों में पैसा जमा करने वाले लोगों को अपने पैसों का पूरा प्रतिफल नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते लोगों ने अपनी एफडी तुड़वाकर प्रॉपर्टी में निवेश करना शुरू कर दिया है। कई लोग बैंक में अपनी रकम जमा कर उसके ब्याज से अपने खर्चे चला रहे थे। ऐसे लोगों के सामने एक बड़ी मुश्किल आ खड़ी हुई है। वे अब प्रॉपर्टी में निवेश कर मुनाफा कमाना चाहते हैं।
सस्ते फ्लैट और छोटे प्लॉटों में निवेश बढ़ा
सस्ते फ्लैट और छोटे प्लॉटों में जहां वास्तविक खरीदार रुचि ले रहे हैं, वहीं निवेशक भी आगे बढ़ रहे हैं। कॉलोनाइजरों ने भी 600 से लेकर 900 स्क्वेयर फीट तक के प्लॉटों पर कालोनियां निर्मित करना शुरू कर दी हैं। हालांकि छोटे प्लॉटों के कारण जमीन का बड़ा एरिया सड़क में चला जाता है।
सुपर कॉरिडोर पर जबरदस्त रुझान…
कई दिनों से मंदे पड़े सुपर कॉरिडोर पर एक बार फिर ग्राहकों का रुझान बढ़ गया है। यहां विकसित हो रही कॉलोनियों में प्लॉटों की बिक्री जहां अचानक बढ़ गई है, वहीं अरबिंदो हॉस्पिटल से लेकर टोल नाके तक का उज्जैन रोड भी फिलहाल ग्राहकों की पसंद बना हुआ है।
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