वॉशिंगटन। चीन के प्रति पूरी दुनिया में नकारात्मक नजरिया कम होने की वजाय और बढ़ता जा रहा है। विकसित देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में चीन को लेकर नकारात्मक धारणाएं तेजी से बढ़ी हैं।
यह खुलासा प्यू रिसर्च सेंटर ने एक रिपोर्ट के जरिए किया है। यह रिपोर्ट तब आई है, जब चीन अपने पड़ोसी और दुनिया भर के अन्य देशों के साथ ट्रेड और कूटनीतिक विवादों में फंसा है। 14 देशों में किए गए सर्वे से पता चला कि ज्यादातर लोगों का चीन के प्रति नजरिया नकारात्मक है।
यह सर्वे टेलीफोन के जरिए 14 देशों के 14,276 एडल्ट्स के बीच 10 जून से 3 अगस्त तक किया गया था। ऑस्ट्रेलिया में 81% लोगों ने कहा कि चीन के पक्ष में उनका नजरिए निगेटिव है। यह आंकड़ा पिछले साल से 24% ज्यादा है।
ऑस्ट्रेलिया ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग उठाई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव बढ़ा है। चीन ने इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई बीफ के आयात को रोक दिया था।
जानिए कितने देश है शामिल
जिन 14 देशों में सर्वे किया गया, इनमें अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। सर्वे किए जाने वाले ज्यादातर देशों में हाई इनकम और लो इनकम वाले लोगों का नजरिया भी लगभग एक जैसा ही है।
इसके अलावा, सर्वे किए गए नौ देशों स्पेन, जर्मनी, कनाडा, नीदरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया में पिछले 12 या उससे ज्यादा सालों में नकारात्मक विचार अपने सबसे उच्च स्तर पर है। सर्वे में शामिल और दुनिया के कई अन्य लोकतांत्रिक देशों ने इस साल की शुरुआत में चीन की निंदा की थी, जब उसने हॉन्गकॉन्ग में न्यू सिक्योरिटी लॉ लागू किया था। आलोचकों का कहना है कि पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को विशेष अधिकारों के तहत चीन को सौंपा गया था।
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