भोपाल। कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा विभाग, म.प्र. शासन के आदेशानुसार अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल में कला संकाय के अंतर्गत हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, साहित्य, पर्यावरण अध्ययन, समाजशास्त्र-समाज कार्य, उद्यमिता विकास, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, इतिहास, कंप्यूटर अनुप्रयोग आदि विषयों के स्नातक स्तर पर आधार पाठ्यक्रम निर्माण करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत एक पुनर्समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस पुनर्समीक्षा बैठक की अध्यक्षता प्रो. रामदेव भारद्वाज, कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल ने की तथा प्रो. धीरेंद्र शुक्ल, अधिकारी, उच्च शिक्षा विभाग, भोपाल; पुनर्समीक्षा बैठक के संयोजक प्रो. उमेश सिंह संचालक, विवेकानंद कैरिअर मार्गदर्शन, भोपाल; हिंदी ग्रंथ अकादमी के अधिकारी की विशेष उपस्थिति में आयोजित की गई। विश्वविद्यालय की पुनर्समीक्षा बैठक समन्वयक प्रो. रेखा रॉय, संकायाध्यक्ष, कला संकाय रहीं।
प्रो. रामदेव भारद्वाज ने पुनर्समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विविध महाविद्यालयों-विश्वविद्यालयों से आए प्राध्यापकों-विशेषज्ञों को सुझाव देते हुए कहा कि पाठ्यक्रम निर्माण में सबसे अधिक दायित्व विशेषज्ञों का है। विशेषज्ञों को ध्यान में रखना है कि सर्वप्रथम नई पीढ़ी के लिए भारतीय ज्ञान-परंपरा के तथ्यों-दृष्टि को प्रकाश में लाकर, उन तथ्यों की पुष्टि भी करना है तथा स्नातक स्तर पर प्रत्येक वर्ष व प्रत्येक वर्ष के प्रत्येक प्रश्नपत्रों की प्रत्येक इकाइयों को एक-दूसरे से स्वतंत्र-आत्मनिर्भर बनाना है, किंतु समग्र रूप से प्रश्नपत्रों की सभी इकाइयों और सभी प्रश्नपत्रों को समग्र रूप से एक-दूसरे से संबंधित होना चाहिए ताकि स्नातक स्तर पर विद्यार्थी एक वर्ष की पाठ्यसामग्री पढऩे के बाद भी वह स्वतंत्र रूप से उस विषय में निपुण हो सके और रोजगारोन्मुखी व उपयोगी हो सके। जिससे विद्यार्थी के विषय का ज्ञान भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी उपयोगी हो सके।
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