नई दिल्ली। आज हुई जीएसटी काउंसिल की 42वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। एक तरफ जहां राज्यों को जीएसटी की क्षतिपूर्ति (GST ) को लेकर बड़े फैसले लिए गए वहीं, कारोबारियों को भी कई मोर्चों पर राहत देने का ऐलान किया गया।
जीएसटी परिषद के अन्य फैसलों के बारे में वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि 1 जनवरी के बाद से जो जिन करदाताओं का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न दायर करने की जरूरत नहीं होगी। अब ऐसे लोगों को जीएसटी की तिमाही रिटर्न भरनी होगी। लेकिन इन लोगों को चालान का भुगतान हर महीने करना होगा। इस चालान में बहुत ज्यादा विवरण देने की जरूरत नहीं होगी। बिना किसी एक्सपर्ट और खातों की डिटेल के बिना ही इन चालानों का पैसा जमा कराया जा सकता है।
नई राहत के तहत करदाता को पहली तिमाही के कुल टैक्स का महज 35 फीसदी टैक्स ही जमा करना होगा और तीसरे महीने वह टैक्स की वास्तविक रकम जमा कर सकता है। अभी तक की प्रैक्टिस के अनुसार एक करदाता को एक साल के भीतर 24 रिटर्न दाखिल करने होते थे। इस राहत के बाद उसे अब केवल 8 रिटर्न दाखिर करने होंगे।
जिन करदाताओं का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा का है, को अप्रैल 2021 से 6 अंकों वाले एचएसएन (Harmonized System of Nomenclature) कोड का उल्लेख करना अनिवार्य होगा, जिन लोगों का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये सालाना से कम है उन्हें एचएसएन कोड के 4 अंकों का उल्लेख करना होगा।
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