भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना के संकट काल में लड़खड़ाई प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सहारा देने के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने जिम्मा उठाया है । संघ के स्वयंसेवक इन दिनों मध्य भारत प्रांत के लगभग सभी जिलों में बाल गोकुलम केंद्र के माध्यम से बच्चों को उनके घर पर शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं । जहाँ 22 अगस्त तक प्रांत के 31 जिलों के 516 स्थानों पर शुरू किए गए थे तो वही सितंबर महीने के अंत तक प्रान्त के 31 जिलों में 1974 स्थानों पर स्वयंसेवकों ने सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर लगभग 20 हजार विद्यार्थियों को दी प्रत्यक्ष शिक्षा।
जिस प्रकार से कोरोना ने देश दुनिया सहित प्रदेश में गंभीर रूप धारण किया उसके चलते सभी स्कूलों को पूरी तरीके से बंद कर दिया गया । इस वजह से स्कूली विद्यार्थियों को शिक्षकों के द्वारा प्रत्यक्ष शिक्षा देना संभव नहीं हो पा रहा। जिसे देखते हुए भोपाल प्रवास के दौरान संघ के सरसंघचालक चालक मोहन भागवत ने स्वयंसेवक, अनुषांगिक और समाज के सामाजिक संगठनों से आवाहन किया कि सभी अपने अपने स्तर पर विद्यार्थियों को उनके घरों पर जाकर शिक्षा देने का कार्य शुरू करें जिससे बच्चों को शिक्षा सुचारू रूप से संकट के समय भी मिल सके ।
इस आव्हान के तुरंत बाद मध्यभारत प्रांत में अगस्त माह में ही सभी अनुसांगिक संगठनों और समाज के सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर बाल गोकुलम केंद्र का संचालन शुरू कर दिया।
मध्यभारत प्रान्त द्वारा प्राप्त आंकड़ो के अनुसार अब तक लगभग 10227 बालकों और 9884 बालिकाओं सहित कुल 19 हजार 709 बच्चों को इन केंद्रों के माध्यम से शिक्षा का लाभ मिल पा रहा है ।
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