नई दिल्ली। जहां एक तरफ हाथरस मामले को लेकर देश में आक्रोश बढ़ रहा है वहीं केंद्र सरकार की तरफ से महिला के कल्याण और महिला सशक्तीकरण को लेकर अपनी तारीफ करती दिख रही है। केंद्र सरकार में महिला एंव बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि देश में जो कानून हैं वो महिलाओं के कल्याण और उनके हक के लिए कारगर हैं।
स्मृति ईरानी ने संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन की 25 वीं वर्षगांठ पर बोलते हुए कहा कि भारत हमारी विकास यात्रा के सभी पहलुओं में लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण की केंद्रीयता को मान्यता देता है। चौथे विश्व सम्मेलन की 25 वीं वर्षगांठ पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि “महिलाएं संख्यात्मक रूप से आधी मानवता का गठन करती हैं, लेकिन उनका प्रभाव समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था के सभी आयामों पर असर डालता है। भारत में हम हमारी विकास यात्रा के सभी पहलुओं में लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण की केंद्रीयता को पहचानते हैं। “
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अब समावेशी विकास और गहरे सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो एक साथ परिवर्तनकारी परिस्थिति को बतला रहे हैं। उन्होंने कहा कि “हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन परिवर्तनों को स्वीकार करते हुए, हम महिलाओं के विकास से लेकर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रतिमान से आगे बढ़े हैं।”
महिलाओं के लिए आरक्षण के मुद्दे पर स्मृति ईरानी ने कहा स्थानीय शासन में महिलाओं के लिए 13 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि सीटों का आरक्षण सुनिश्चित किया गया है जिससे सामुदायिक स्तर पर लिंग-संवेदनशील सार्वजनिक नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में उनका नेतृत्व मिल सके।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को ऑनलाइन माध्यम से UNGA में अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी के दौरा भारत सरकार ने केवल महिलाओं की सुरक्षा और उनकी देखभाल तय करने के लिए कई उपाय किए बल्कि उन्हें इसके तहत सरकार ने जो केंद्र स्थापित किए हैं उनमें उन्हें चिकित्सा, कानूनी, पुलिस और आश्रय जैसी सहूलियतें के साथ मनोवैज्ञानिक सहायता भी मुहैया कराई जा चुकी है और कराई जा रही है।
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