नई दिल्ली । वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने भारत की उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा हालात के बारे में कहा कि वहां न युद्ध और न शांति। इन असहज स्थितियों में किसी भी घटना से निपटने के लिए हमारे रक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष में वायुशक्ति हमारी जीत का अहम कारण बनेगी। इसलिए वायुसेना अपने दुश्मनों के खिलाफ तकनीकी बढ़त हासिल करने और उसे बरकरार रखने पर जोर दे रही है।
एयर चीफ मार्शल भदौरिया मंगलवार को भारतीय एयरोस्पेस उद्योग को सक्रिय करने पर 15वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ’नए वातावरण में चुनौतियां’ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वायुसेना ने चीन की तैनाती के जवाब में तेजी के साथ प्रतिक्रिया दी है, क्योंकि भारत किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। वायुसेना प्रमुख ने भारत की उत्तरी सीमाओं यानी चीन, भूटान, और नेपाल की बात करते हुए वहां की स्थिति को असहज बताया। उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य असहज है, वहां न युद्ध है और न शांति की स्थिति। फिर भी हमारे सुरक्षा बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर, चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों के साथ हाल ही में बेड़े का हिस्सा बने राफेल लड़ाकू विमानों ने भारत की सामरिक और रणनीतिक क्षमता में पर्याप्त बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष में वायुशक्ति हमारी जीत का अहम कारण बनेगी। इसलिए वायुसेना अपने दुश्मनों के खिलाफ तकनीक बढ़त हासिल करने और उसे बरकरार रखने पर जोर दे रही है।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान पिछले कुछ हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में उड़ान भर रहे हैं। उन्होंने भारत की ताकत पर बात करते हुए राफेल को एक बड़ा साथी बताया। उन्होंने राफेल के वायुसेना में शामिल होने की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि अन्य विमानों के साथ राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से इसकी पर्याप्त व्यावहारिक और रणनीतिक क्षमता वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी रक्षा सेनाएं किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।
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