भोपाल। प्रदेश में 15 महीने के कार्यकाल को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों पर घिरी कांग्रेस को उपचुनाव में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कर्जमाफी का मुद्दा पकड़ा दिया है। विधानसभा सत्र से पहले भाजपा नेता कर्जमाफी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत पूरी कांग्रेस पर किसानों के साथ धोखा देने के आरोप लगाते थे, लेकिन कृषि मंत्री द्वारा विधानसभा में कर्जमाफी के आंकड़े पेश करने के बाद भाजपा ने कर्जमाफी के मुद्दे को ही छोड़ दिया है। जबकि कांग्रेस ने इसे उपचुनाव में प्रमुख मुद्दा बना लिया है। कृषि मंत्री कमल पटेल जरूर सफाई देते फिर रहे हैं।
कर्जमाफी को लेकर भाजपा शुरू से ही कांग्रेस पर हमलावर रही है। क्योंकि कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने जून 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले मंदसौर में यह ऐलान किया था कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद 10 दिन के भीतर किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस सरकार 15 महीने के कार्यकाल में सभी किसानों का कर्जा माफ नहीं कर पाई। इसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा देने के आरोप लगाए थे। कांगे्रस सरकार गिरने के बाद भी भाजपा ने कर्जमाफ को प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश की। 21 सितंबर से पहले तक मप्र में विधानसभा उपचुनाव वाले क्षेत्रों में भाजपा नेताओं ने कई सभाएं की। हर सभा में भाजपा नेता कांग्रेस पर किसानों की कर्जमाफी नहीं करने और किसानों के साथ धोखा देने के आरोप लगाते रहे। इस विधानसभा विधानसभा में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में बताया कि प्रदेश में 26 लाख 90 हजार किसानों का कर्जा माफ किया गया है। कांग्रेस ने कृषि मंत्री के इसी जवाब के जरिए कर्जमाफी को लेकर भाजपा नेताओं के आरोपों का जवाब देने का सबसे बड़ा हथियार बना लिया है। कृषि मंत्री के जवाब के जरिए कांग्रेसी भाजपा नेताओं पर कर्जमाफी के नाम पर किसानेां में भ्रम फैलाने के आरोप लगा रहे हैं।
एक अधिकारी पर कार्रवाई नहीं कर पाए पटेल
कृषि मंत्री कमल पटेल ने विधानसभा में कर्जमाफी के आंकड़े पेश करने के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही उन्होंने कार्रवाई की भी बात कही थी, लेकिन पटेल अभी तक किसी भी अफसर पर कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। जानकारी बताते हैं कि विधानसभा में विभागीय मंत्री ही जानकारी देता है, अधिकारी सीधे तौर पर विधानसभा को जवाब भेजने के लिए अधिकृत नहीं है।
अब भाजपा ने बनाई दूरी
कृषि मंत्री के खुलासे के बाद भाजपा ने कर्जमाफी से दूरी बना ली है। भाजपा का एक भी नेता अब किसी भी सभा में कर्जमाफी पर एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। कुछ समय पहले तक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया कर्जमाफी को लेकर कमलनाथ सरकार पर बड़ा आरोप लगाते थे। अब सिंधिया ने भी कर्जमाफी पर बोलना बंद कर दिया है। हालांकि कृषि मंत्री कमलनाथ पटेल की भाजपा में ही मुश्किलें बढ़ गई हैं। वे अब सफाई देते फिर रहे हैं कि विधानसभा में गलत जानकारी दी गई थी। पटेल ने श्वेतपत्र लाने का भी ऐलान किया है।
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