इंदौर। इल्यिास कॉलोनी में कल क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर जिस नकली घी के कारखाने का भंडाफोड़ किया था। वह दो साल से चल रहा था। इन दो सालों तक खजराना पुलिस क्या कर रही थी। क्या पुलिस का खुपिया तंत्र इतना कमजोर था या फिर पुलिस को इस कारोबार का पता था और आंख बंद कर बंदी लेने में पुलिस मस्त थी और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा था। बताया जा रहा है कि दो सालों तक नकली घी बनाने वालों ने शादी पार्टियों में घी को खूब खपाया और लोगों ने चाव के साथ इस घी से बने पकवान खाए।
कल क्राइम ब्रांच ने खजराना की इलियास कॉलोनी में अशरफ अली के घर से नकली घी का कारोबार पकड़ा था। इस दौरान अशरफ अली मौके से मिलावटी घी बनाते हुए पकड़ाया था। जिसकी किमत लाखों में बताई जा रही है। उसका कोर्ट से 30 सितम्बर तक का रिमांड मिला है। पूछताछ में आरोपी ने कई नए खुलासे किए हैं। उक्त मिलावटी घी को अशरफ अली 500 से 600 रुपये किलो में बेचता था। उसके घर से स्टाक रजिस्टर, नकली घी कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के सुराग भी हाथ लगे हैं। पूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2018 में वह आटो रिक्शा चलाता था और फिर मन में ज्यादा पैसा कमाने का लालच आया तो उसने लोगों के साथ मिलकर घर पर ही नकली घी बनाने का कारोबार शुरू कर दिया था। हालांकि लॉकडाउन में कामधंधा ठप हो गया था। उसका कहा था कि शादी-ब्याह में लोग ज्यादा घी ले जाते थे। घी इंदौर के अलावा दूसरे शहरों के लोग भी ले गए। खास बात यह है कि वह किसी भी फोन नंबर नहीं देता था। खरीदार लोग घर पर आकर ही माल ले जाते थे। फिलहाल पुलिस उससे इस बात का पता लगा रही है कि पैकिंग करने वाले रैफर और डिब्बे कहां से लाते थे और इनमें किन-किन लोगों की संलग्नता है, उसका पता लगाया जा रहा है। खजराना थाने में खुपिया विभाग के कई ऐसे पुलिसकर्मी है जो सालों से थाने में पदस्थ है। ऐसा हो नही सकता कि उन्हें इस कारोबार की जानकारी नही। उनकी मिलीभगत से यह धंधा चल रहा था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved