पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा भले ही हो गई हो लेकिन एनडीए में सीट बंटवारे पर अबतक कोई फैसला तो दूर, बातचीत तक नहीं हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि एनडीए में सीटों के तालमेल पर कोई बातचीत नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सच्चाई है कि एनडीए में अबतक सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई है। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद उन कयासों पर विराम लग गया है, जो लगातार फार्मूले के आधार पर सीट बंटवारे का दावा कर रहे थे।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के सहयोगी दलों को लेकर भी साफ शब्दों में अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि एनडीए में वर्ष 2014 से जो भाजपा के पार्टनर रहे हैं, उन पर फैसला भारतीय जनता पार्टी को करना है। नीतीश कुमार ने कहा है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले जो भाजपा का साथ छोड़कर चले गए और जो रह गए दोनों के ऊपर भाजपा को ही फैसला लेना है। यह पूछे जाने पर कि क्या जीतनराम मांझी की एंट्री के बाद उन्हें रामविलास पासवान की जरूरत नहीं है? इस सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं है, उन्हें भाजपा के पूर्व से सहयोगी रहे दलों के ऊपर कुछ भी नहीं करना है। भाजपा इस मामले को खुद देख रही होगी और संभव है कि उनसे बातचीत भी हुई होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार की देर शाम जदयू के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा है कि अगर वह सत्ता में दोबारा आए तो एकबार फिर से बिहार के विकास को आगे बढ़ाया जायेगा। युवाओं के लिए कौशल विकास मंत्रालय की अलग से स्थापना की जाएगी। युवाओं का स्कील डेवलपमेंट किया जा सके, इसके लिए सरकार नीति बनाकर आगे बढ़ेगी और नए मंत्रालय के जरिए इस पर काम किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि बिहार में चुनाव के लिए उनकी पार्टी जनता दल यूनाईटेड पूरी तरह से तैयार है। राज्य के विकास के लिए अबतक उनकी पार्टी और सरकार ने जो काम किया है, वह जनता के सामने है और आगे भी बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए सात निश्चय के वादे को पूरा करने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना को लेकर हमने जनता से जो वादा किया था, उसको जमीन पर उतारा है। लगातार सात निश्चय की योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है और राज्य के कोने-कोने तक के इस योजना का लाभ लोगों को मिला है। सीएम ने साफ कर दिया है कि अबकी बार सरकार बनी तो सात निश्चय पार्ट-2 पर काम होगा। हम जो काम कर रहे हैं, उसका फीडबैक लोगों से लिया जा सकता है। लोगों की इच्छा होती है कि और काम होना चाहिए। हमारे काम का आकलन करने की कोशिश कीजिये। जब मैंने पहले सात निश्चय योजना बनाई तो मुझे लगा कि अब एक और सात निश्चय की जरूरत है। सक्षम बिहार स्वाबलंबी बिहार के लिए सात निश्चय पार्ट-2 जरूरी है। यह बिहार की युवा शक्ति के लिए जरूरी है। हर व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती। बिहार के युवाओं को भी ऐसी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, जिससे उनको काम मिल सके। संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई होगी। (एजेंसी, हि.स.)
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