माले। मालदीव क्षेत्रीय सहयोग के अपने रुख पर कायम है। मार्च में हुई लीडर्स मीटिंग की कड़ी में मालदीव 19वां SAARC समिट कराने के लिए बेहतर माहौल बनाने की अपील की है। मालदीव ने कहा है कि अभी कोरोना वायरस की महामारी से निपटने की कोशिश की जा रही है और यह समय समिट का वक्त तय करने का नहीं है। SAARC काउंसिल की गुरुवार को हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई।
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि मालदीव को अभी नहीं लगता है कि यह समय पाकिस्तान के SAARC समिट की मेजबानी करने का नहीं है। बैठक में कई देशों ने माना कि अभी यह मौका नहीं है कि इवेंट के समय पर चर्चा की जाए। इसलिए पाकिस्तान की मेजबानी का प्रस्ताव सहमति नहीं बन पाने के कारण गिर गया।
पाकिस्तान 2016 से SAARC समिट होस्ट करने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, 2016 के बाद भारत ने उरी, पठानकोट और पुलवामा के आतंकी हमले के बाद इवेंट का बहिष्कार करने का फैसला किया था। भारत ने कहा है कि समिट होने के लिए पाकिस्तान को ऐसा माहौल बनाना बड़ेगा। यही बात मालदीव ने भी दोहराई है।
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ‘क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद, कनेक्टिविटी ब्लॉक करने और व्यापार को रोकना, ये ऐसी चीजें हैं, जिनसे SAARC को उबरना है। इसके बाद ही शांति, संपन्नता और सुरक्षा दक्षिण एशिया में देखी जा सकेगी।’ वहीं, खास बात यह रही कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने भाषण में कश्मीर का नाम नहीं लिया।
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