इंदौर। कफ्र्यू और लॉकडाउन के चलते चूंकि परिवहन व्यवस्थाएं भी पूरी तरह से बंद थी, जिन्हें अब शुरू किया गया है। लॉकडाउन की अवधि में बसों का संचालन ना होने पर परिवहन टैक्स शून्य करने की मांग की जा रही थी, जिसे कल परिवहन विभाग ने कर दिया। साढ़े 5 माह का टैक्स शून्य होने पर बस ऑपरेटरों ने खुशियां मनाई।
कोरोना के चलते हालांकि अभी भी यात्री वाहनों में परिवहन नहीं बढ़ सका है, क्योंकि लोगों में डर है। सिर्फ अत्यावश्यक कार्य के चलते ही लोग यात्रा कर रहे हैं। शहर में भी आई और सिटी बसें चलाई गई, मगर इनमें भी पहले की तरह भीड़ नहीं है। इधर बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने यह मांग की कि अप्रैल से अगस्त और सितम्बर का भी टैक्स शून्य किया जाए। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पिछले दिनों घोषणा कर दी थी और कल परिवहन विभाग के पोर्टल पर भी अप्रैल से अगस्त तक का 100 प्रतिशत और सितम्बर में भी 50 प्रतिशत टैक्स शून्य हो गया और वेबसाइट पर इसके प्रदर्शन के साथ ही इंदौर सहित प्रदेशभर के बस ऑपरेटरों ने खुशियां मनाई। प्राइम रुट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री के साथ इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा की गई मध्यस्थता की भी तारीफ की और परिवहन मंत्री, आयुक्त सहित अन्य मंत्रियों का भी आभार माना। 40 हजार से अधिक बसों को अब साढ़े 5 माह का टैक्स नहीं जमा करना पड़ेगा। इससे बड़ी राहत मिली है, वरना बस ऑपरेटर इतना भारी-भरकम टैक्स जमा नहीं कर पाते, क्योंकि कमाई एक रुपए की भी इस दौरान नहीं हुई। वहीं अभी भी डीजल की कीमतों में वृद्धि और कम यात्रियों के परिवहन के चलते घाटा वैसे ही हो रहा है।
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