इन्दौर। आवासीय भूखंडों पर व्यवसायिक दुकानों के मामले में एक बार फिर नगर निगम कार्रवाई शुरू कर रहा है। पिछले दिनों उसने सर्वे भी करवाया था और लगभग 40 हजार दुकानों को नोटिस जारी किए जाएंगे। ज्यादातर विजय नगर, योजना 78, योजना 54 सहित प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड और अन्य कालोनियों में इस तरह की गड़बड़ी सामने आई है। वैसे तो शहर में इस तरह की एक लाख से ज्यादा दुकानें, ऑफिस और अन्य व्यवसायिक गतिविधियां आवासीय भूखंडों पर सालों से संचालित हो रही है और नए क्षेत्रों में भी लगातार निर्माण जारी हैं, जिसमें महालक्ष्मी नगर से तुलसी नगर और उ सके आगे की सडक़ भी शामिल है।
नगर निगम की वित्तीय हालत खराब है और सम्पत्ति कर वसूली भी ज्यादा नहीं हो पा रही है, क्योंकि कोरोना के चलते अभी भी कई व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं। पूर्व में भी नगर निगम आवासीय पर व्यवसायिक निर्माण के मामले में कार्रवाई करता रहा है, लेकिन अभी धड़ल्ले से इस तरह के निर्माण चल रहे हैं। इंदौर विकास प्राधिकरण की योजनाओं में ही आवासीय भूखंडों पर लोगों ने ऊपर मकान, नीचे दुकानें बना रखी हैं। योजना क्र. 54, 74, 78, 114 सहित अन्य योजनाओं में इस तरह की गड़बड़ी है। एमआर-10 के भी बड़े-बड़े भूखंडों पर शत-प्रतिशत व्यवसायिक गतिविधि चल रही है। निगम ने पिछले दिनों सर्वे करवाकर लगभग 40 हजार ऐसी सम्पत्तियों की खोज की है जो आवासीय भूखंडों पर चल रही है। इसमें ऑफिस, दुकान, किराना, शराब, क्लीनिक से लेकर अन्य तमाम तरह की गतिविधियां चल रही है। निगम के रिकॉर्ड में 5 लाख 2 हजार आवासीय सम्पत्तियां हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत से अधिक पर व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। अब निगम इनसे व्यवसायिक दर से ही सम्पत्ति कर वसूल करेगा, क्योंकि मास्टर प्लान के नियम के विपरित ये गतविधियां चल रही है और 29 निगम सीमा में शामिल गांवों में तो धड़ल्ले से इसका दुरुपयोग हो रहा है।
किराया ना देने वाली 9 दुकानों को सील भी किया
आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल के निर्देशानुसार अपर आयुक्त चैतन्य द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में मार्केट विभाग के सहायक राजस्व अधिकारी श्री जितेन्द्र पाण्डे द्वारा पालिका प्लाजा फेज वन में दुकान क्रमंाक 104, 105, 107, 108, 109, 110, 111, 113, 123 पर 5 लाख से अधिक बकाया राशि होने पर पूर्व में नोटिस जारी किया जाकर बकाया किराया राशि जमा करने के निर्देश दिये गये थे। किंतु पालिका प्लाजा फेस 1 के 9 दुकानदारों द्वारा बकाया किराया राशि जमा नही करने पर सहायक राजस्व अधिकारी श्री जितेन्द्र पाण्डे द्वारा 9 दुकानो को सील करने की कार्यवाही की गई।
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