भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से दुनिया में आर्थिक संकट गहराया हुआ है। सरकारों की कमाई घट गई है और खजाना खाली हो गया है। लोगों की नौकरियों जा रही हैं। इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छह के भीतर कोरोना काल खंड में प्रदेश के हर वर्ग को मदद पहुंचाने का काम किया है। सबसे ज्यादा 7500 हजार करोड़ रुपए की नगद मदद फसल बीमा के रूप में प्रदेश के 38 लाख किसानों को मिली है। प्रदेश की सवा पांच लाख से ज्यादा आबादी को मुफ्त में राशन मिल रहा है। किसानों से ब्याज कर्ज की वसूली स्थगित की। लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के उद्योग, कारखाने, व्यापार भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में सरकार ने शुरूआत में कारखाना नियमों को सरल किया। कारोबारियों को टैक्स में छूट दी। साथ ही लॉकडान अवधि तक उद्योगों को बिजली बिल में भी छूट देकर मदद पहुंचाई है। खास बात यह है कि सरकार ने घरेल उपभोक्ताओं के अगस्त तक के बिजली के बिल स्थगित कर दिए हैं। इससे शहरी क्षेत्र के हर परिवार को फायदा पहुंचाया गया है। शहरी एवं ग्रामीण आवास के हितग्राहियों को आवास योजना के तहत लाभ पहुंचाया।
आदिवासी साहूकारों के चंगुल से मुफ्त
सरकार ने विधानसभा में साहूकारी अधिनियम विधेकय पेश किया। जिससे आदिवासियों को साहूकारों के चंगुल से मुफ्त कर दिया है। अब आदिवासी किसी भी साहूकार का कर्ज चुकाने के बंधन से मुफ्त हो गए हैं। सहरिया आदिवासी परिवारों की 3.50 लाख महिलाओं के खाते में पोषण आहार के लिए एक-एक हजार रुपए महीने दिए जा रहे हैं। आदिवासियों को वनाधिकार पट्टे दिए गए हैं।
इन वर्गों को भी मिली मदद
परिवहन क्षेत्र में बस, ट्रक ऑपरेटरों को टैक्स में छूट दी गई। बस ऑपरेटरों को अप्रैल से लेकर सितंबर तक का टैक्स माफ किया है। साथ ही अन्य तरह की सुविधाएं दी गई हैं। अनलॉक के दौरान भी बस ऑपरेटर बसों का संचालन करते रहे, इसके बावजूद भी टैक्स माफ किया। व्यापारियों को टैक्स में छूट। निजी स्कूल, कोचिंग एवं कॉलेजों को कोरोना काल में भी फीस वसूलने की छूट दी।
उपार्जन का समय पर भुगतान
किसानों को फसल बीमा के साथ-साथ मौजूदा खरीफ फसलों का बीमा कराया है। जिन क्षेत्रों में नुकसान हुआ है, वहां सर्वे शुरू। लॉकडाउन के बीच किसानों से रबी फसलों का उपार्जन किया। समय के भीतर हजारों करोड़ रुपए का भुगतान कराया। किसी भी किसान को भुगतान के लिए परेशान नहीं होने दिया। भारी बारिश के बीच बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार पांच दिन तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहे।
कोराना आपदा से प्रदेश को बचाने के अवसर तलाशे
शिवराज सिंह चौहान ने जब मुख्यमंत्री की शपथ ली, तब प्रदेश में कोरोना की एंट्री हो चुकी थी। तब प्रदेश में गिनी-चुनी जांच लैव थी। बिस्तरों की संख्या कम थी। छह महीने के दौरान प्रदेश में 50 से ज्यादा कोरोना की जांच लैब हैं। अब रोज 25 हजार जांच हो रही हैं। हर जिले में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से आज तक प्रतिदिन कोरेाना की समीक्षा कर रहे हैं। खुद कोरेाना की चपेट में आए, लेकिन अस्पताल से भी प्रदेश में कोरोना नियंत्रण की समीक्षा करते रहे। कोरोना वॉरियर्स के निधन पर 50 लाख एवं परिवार को नौकरी का प्रावधान किया।
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