पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कृषि सुधार बिल का वही लोग विरोध कर रहे हैं जो बिचौलियों के समर्थक हैं। इस विधेयक को लेकर राजद और उनके सहयोगी दलों ने एक दिन पहले रविवार को राज्यसभा में जो कर्म किया उससे बिहार का सिर शर्म से झुका है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश बिहार से राज्यसभा के सदस्य और नामचीन पत्रकार हैं। राज्यसभा में आसन के साथ जिस घटना को कल अंजाम दिया गया, उससे हर बिहारी शर्मसार है। ये वही लोग और दल हैं जो सन 2006 में बिहार कृषि उत्पादन बाजार समिति के खात्मे का विरोध करते थे। किसानों की उपज को उनके क्षेत्र में ही बिक्री की बाध्यता, किसानों का शोषण है। इसी से किसानों को मुक्त कराने के लिए 2006 में राज्य की एनडीए की सरकार ने कड़ा निर्णय किया था।
मोदी ने बिल को क्रांतिकारी कदम की संज्ञा देते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि देश के किसानों को अब इस बाध्यता से मुक्ति मिल जाएगी कि उसे अपनी फसल एक नीहित स्थान (बाजार) में ही बेचनी है। विरोधी पहले इस बिल को ठीक से समझे फिर बात करें। किसी भी चीज का आंख मूंद कर विरोध करना अच्छी बात नहीं। केन्द्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिल किसानों को एक बेहतर विकल्प दे रहा है कि वे अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं। इस बिल का समर्थन मूल्य से कोई लेना-देना नहीं है। समर्थन मूल्य पर खरीद अभी भी पहले की तरह जारी रहेगी।
मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों में कोई धान की खरीद नहीं होती थी एनडीए के सरकार में आने के बाद समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद शुरु हुई। इस बिल से बड़ी कम्पनियों को किसान अपनी फसल सीधे बेच सकते हैं, और उनके बीच एक एग्रीमेंट पर साइन होगा जिससे की किसान को अपनी फसल का मूल्य पता होगा। कोई कंपनी किसान को धोखा नही दे सकती। किसान अपनी फसल की कीमत पहले ही तय कर सकेंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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